Home Badi Khabar Bengal Election 2021: बर्दवान की कालना सीट पर TMC के ‘सितारे’ BJP से आजमायेंगे अपना भाग्य, इस बार हैं कांटे की टक्कर

Bengal Election 2021: बर्दवान की कालना सीट पर TMC के ‘सितारे’ BJP से आजमायेंगे अपना भाग्य, इस बार हैं कांटे की टक्कर

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Bengal Election 2021: बर्दवान की कालना सीट पर TMC के ‘सितारे’ BJP से आजमायेंगे अपना भाग्य, इस बार हैं कांटे की टक्कर

मुकेश तिवारी: पूर्वी बर्दवान लोकसभा सीट के अंतर्गत कालना विधानसभा सीट पर इस बार दो बार के टीएमसी विधायक अब बीजेपी की टिकट से अपनी किस्मत आजमाने उतरे हैं. इस सीट पर इस बार टीएमसी और बीजेपी में कांटे की टक्कर होने वाली है. बताया जा रहा है कि टीएमसी के दो बार के विधायक विश्वजीत कुंडू ने टीएमसी का दामन छोड़कर बीजेपी का झंडा थामा हैं. बीजेपी ने विश्वजीत कुंडू को इस सीट से कैंडिडेट बनाया है तो टीएमसी ने देवप्रसाद बाग पर दांव लगाया है. वहीं संयुक्त मोर्चा से लेफ्ट ने नीरव खान को कैंडिडेट बनाया हैं.

कालना सीट को लेफ्ट का गढ़ माना जाता था. इस सीट से लेफ्ट की पूर्व मंत्री और लेफ्ट महिला प्रदेश मोर्चा की अध्यक्ष अंजू कर 1982 से 2001 तक पांच बार जीत दर्ज कर चुकी हैं. 2001 में टीएमसी ने लेफ्ट के गढ़ में सेंधमारी की थी. इसके बाद 2011 में भी टीएमसी की जीत बरकार रही. उस दौरान टीएमसी की तरफ से कैंडिडेट रहे विश्वजीत कुंडू ने 12637 वोटों से लेफ्ट कैंडिडेट सुकुल चन्द्र सिकदर को पराजित किया था.वही 2016 में 25262 वोट से फिर लेफ्ट कैंडिडेट सुकुल चन्द्र सिकदर को पराजित किया था.

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इस बार कालना सीट पर तीनों पार्टियों के कैंडिडेट्स ने धुआंधार चुनाव प्रचार किया हैं. जानकारों की मानें तो टीएमसी छोड़कर विश्वजीत कुंडू के बीजेपी में चले जाने के बाद से इन इलाकों में टीएमसी की पकड़ ढीली हुई है. हालांकि टीएमसी के जिला अध्यक्ष स्वपन देवनाथ का मानना है टीएमसी की शक्ति इस क्षेत्र में और बढ़ गयी है. टीएमसी में जो विभीषण छुपे हुए थे अब वे पार्टी से निकल चुके हैं.

देवनाथ का कहना है बीजेपी में विश्वनाथ के जाने से बंगाल और पूर्वी बर्दवान जिले में कोई असर नहीं पड़ेगा. दूसरी ओर बीजेपी के जिला अध्यक्ष अभिजीत ता का कहना है पूर्व बर्दवान जिले के सभी विधानसभा सीटों पर टीएमसी की हार निश्चित है. जिस तरह से बीजेपी का जनाधार जिले में बढ़ा है उससे यह साफ हो गया है टीएमसी अंदर से पूरी तरह खोखली हो गयी है.

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राजनैतिक विशेषज्ञों का मानना है, इस बार कालना सीट पर टीएमसी और बीजेपी के बीच कांटे की लड़ाई होगी लेकिन इसका फायदा हो सकता है संयुक्त मोर्चा को मिल जाये. वहीं स्थानीय मतदाताओं में वर्तमान सरकार को लेकर नाराजगी है. स्थानीय मतदाताओं का आरोप है कि जिस तरह से इस क्षेत्र का विकास होना चाहिए था, उस तरह से नहीं हुआ है. इसका असर संभवत: इस बार चुनाव में देखने को मिल सकती हैं. हालांकि इस मुकाबले में किसे मिलेगी जीत और किसे मिलेगी हार, इसका पता 2 मई रिजल्ट डे को चलेगा.

Posted By: Babita Mali

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