Bengal Election 2021: बांकुड़ा की 4 में से 3 विधानसभा सीट पर हो सकता है त्रिकोणीय मुकाबला

Bengal Election 2021: इन तीनों सीटों पर कौन जीतेगा और किसको मिलेगी हार, यह कहना अभी निश्चित नहीं है. इसका फैसला 2 मई को ही हो पायेगा. ऐसा माना जाता है इन तीनों सीटों पर गुटबाजी के कारण भी किसी भी उम्मीदवार की हार हो सकती है. टिकट बंटवारे के बाद सभी दलों में गुटबाजी आम है. हालांकि, इस बार सभी दलों ने सोच-समझकर उम्मीदवार उतारे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 25, 2021 9:49 PM
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बांकुड़ा (प्रणव कुमार बैरागी) : बंगाल चुनाव 2021 में बांकुड़ा विधानसभा क्षेत्र के साथ-साथ बरजोड़ा एवं विष्णुपुर सीटों पर बदलाव होता रहा है. पिछले दो बार के चुनावों पर नजर डालेंगे, तो कोई भी उम्मीदवार लगातार दो बार यहां से जीत नहीं दर्ज कर पाया. इन विधानसभा क्षेत्रों के लोग काम नहीं करने वाले जनप्रतिनिधि को फिर से मौका नहीं देती.

इसलिए इन तीनों सीटों पर कौन जीतेगा और किसको मिलेगी हार, यह कहना अभी निश्चित नहीं है. इसका फैसला 2 मई को ही हो पायेगा. ऐसा माना जाता है इन तीनों सीटों पर गुटबाजी के कारण भी किसी भी उम्मीदवार की हार हो सकती है. टिकट बंटवारे के बाद सभी दलों में गुटबाजी आम है. हालांकि, इस बार सभी दलों ने सोच-समझकर उम्मीदवार उतारे हैं.

बांकुड़ा एवं विष्णुपुर से इस बार 6-6 उम्मीदवार मैदान में हैं, तो बरजोड़ा से 7 प्रत्याशी भाग्य आजमा रहे हैं. इन तीनों विधानसभा सीटों के इतिहास पर नजर डालेंगे, तो पायेंगे कि बांकुड़ा विधानसभा सीट पर 2011 में तृणमूल कांग्रेस के काशीनाथ मिश्र विजयी हुए थे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी मिनती मिश्र चुनाव जीतीं.

वर्ष 2016 में मिनती मिश्र को तृणमूल कांग्रेस ने फिर से अपना उम्मीदवार बनाया, लेकिन जनता ने उन्हें खारिज कर दिया. बताया जाता है कि उनको टिकट मिलने से तृणमूल का एक खेमा नाराज हो गया. बांकुड़ा नगरपालिका की चेयरमैन रहीं तृणमूल नेता शम्पा देवी ने वाम मोर्चा से हाथ मिला लिया और मैदान में उतर गयीं. यहां तृणमूल की मिनती मिश्रा को शिकस्त खानी पड़ी.

बाद में शम्पा देवी तृणमूल में चली गयीं. इससे लोगों को गहरा आघात पहुंचा. इस बार बांकुड़ा की सीट पर कड़ा मुकाबला होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. इसलिए तृणमूल कांग्रेस ने इस बार बांग्ला सिने जगत की अभिनेत्री सायंतिका बनर्जी को उम्मीदवार बना दिया. वहीं, बीजेपी ने पुराने कार्यकर्ता नीलाद्रि शेखर दाना को खड़ा कर दिया.

संयुक्त मोर्चा द्वारा बांकुड़ा नगरपालिका में पांच टर्म से कांग्रेस की पार्षद रहीं राधारानी बनर्जी को मैदान में उतार दिया. दूसरी तरफ यह भी देखा गया कि एसयूसीआइ समेत बहुजन मुक्ति मोर्चा एवं बहुजन समाज पार्टी ने भी अपने उम्मीदवार उतार दिये.

बांकुड़ा में कुल 2,69,109 मतदाता हैं. सर्विस इलेक्टर की संख्या 720 है. विष्णुपुर विधानसभा सीट पर भी 6 उम्मीदवार भाग्य आजमा रहे हैं. 2,18,690 वोटर एवं 593 सर्विस इलेक्टर इनकी किस्मत का फैसला करेंगे. यहां भी मुकाबला रोमांचक हो सकता है. यहां भी बांकुड़ा की तरह ही किसी को दूसरी बार मौका नहीं दिया जाता.

वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस के श्यामापद मुखर्जी विजयी हुए थे. वर्ष 2016 में कांग्रेस के सपन घोष ने उन्हें यहां पटखनी दे दी. बाद में सपन घोष तृणमूल कांग्रेस में शामिल हो गये. इस बार तृणमूल ने विष्णुपुर सांगठनिक युवा अध्यक्ष अर्चिता बिद को टिकट दिया है. बीजेपी ने तृणमूल से आये तन्मय घोष को टिकट दे दिया है.

कांग्रेस ने देबू चटर्जी को मैदान में उतारा है. एक वक्त था, जब यह इलाका कांग्रेस का गढ़ माना जाता था. लेकिन, विष्णुपुर लोकसभा सीट पर भाजपा ने बाजी मार ली. वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लहर में लोकसभा सीट भाजपा के खाते में चली गयी.

बरजोड़ा विधानसभा सीट की बात करें, तो वर्ष 2011 में तृणमूल कांग्रेस को यहां से जीत मिली थी. वर्ष 2016 में यह सीट सीपीएम के पास चली गयी. इसलिए इस बार सीपीएम के हौसले बुलंद हैं. यही वजह है कि सुजीत चक्रवर्ती को फिर से मैदान में उतारा गया है. तृणमूल ने अनुभवी नेता आलोक मुखर्जी को टिकट दिया है.

आलोक मुखर्जी के पार्टी के जमीनी स्तर के नेता और कार्यकर्ता से लेकर आम लोगों तक से अच्छे संबंध हैं. आलोक मुखर्जी के पक्ष में खुद ममता बनर्जी ने जनसभा की. वहीं, भाजपा ने विष्णुपुर सांगठन की नेता सुप्रीति चटर्जी को मैदान में उतारा है. बरजोड़ा शिल्पांचल की श्रेणी में आता है. यहां से 7 उम्मीदवार किस्मत आजमा रहे हैं. इन 7 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला बरजोड़ा के 2,50,729 वोटर करेंगे.

Posted By : Mithilesh Jha

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