जानकारी के अनुसार, भोजन की तलाश में मोरघाट के जंगल से एक जंगली हाथी आकर चाय बागान के बारा लाइन इलाके में प्रवेश कर जम कर तोड़फोड़ करने लगता है. इस दौरान हाथी ने स्थानीय श्रमिक विमल ग्वाला, रीनू उरांव, प्रभा मुंडा, जानकी मुंडा नामक कुल चार श्रमिकों के कुल छह घरों पर हमला कर लगातार तोड़ते चला गया. इस घटना में हाथी ने घरों में रखे विभिन्न प्रकार की आवश्यक सामग्रियों को तोड़फोड़ कर बर्बाद कर दिया एवं कुछ के घर में रखे दाल, चावल, आटा, सब्जी जैसे समस्त खाद्य सामग्रियों को खाकर बर्बाद करता रहा. बताया गया कि इस घटना में कई क्षतिग्रस्त परिजन किसी तरह जान बचाकर घर से बाहर की ओर भागे अन्यथा उनके ऊपर भी हमला हो सकता था. वही अचानक इस तरह एक जंगली हाथी के हमले से चाय बागान के श्रमिकों में दहशत का माहौल बन बैठा है.
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इस विषय पर एक क्षतिग्रस्त परिजनों ने कहा कि बीती रात खाना पीना खाकर हम सोए हुए थे तभी अचानक एक जंगली हाथी हमारे गांव में प्रवेश कर हमारे घरों पर आक्रमण करने लगा. हाथी ने आक्रमण कर हमारें घर के घेराव को पूरी तरह तोड़फोड़ कर क्षतिग्रस्त कर दिया व घर का सारा सामान उलट-पुलट कर रख दिया.
इस विषय पर स्थानीय निवासियों का कहना है कि हम सब छोटे-छोटे श्रमिक परिवार हैं. किसी तरह बागान में काम करके हम अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं लेकिन अचानक हाथी ने आक्रमण करके हमारे कई साथियों के घरों को तहस-नहस कर दिया है. कइयों के घर में रखे पूरे सप्ताह भर का राशन खाकर बर्बाद कर दिया. इस विषय पर वन विभाग सूत्रों से पता चला कि मुआवजे का आवेदन करने पर पीड़ित परिजनों को वन विभाग के नियमानुसार मुआवजा प्रदान किया जायेगा.
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Posted By: Aditi Singh