Bhai Dooj 2022: भाई के माथे पर तिलक करने का तरीका (Bhai Dooj Tilak Vidhi)
-
भाई दूज के दिन अपने बहन अपने भाई को घर बुलाकर तिलक लगाकर भोजन कराने की परंपरा है.
-
अपने भाई के लिए पिसे हुए चावल से चौक बनाएं.
-
भाई के हाथों पर चावल का घोल लगाएं.
-
भाई को तिलक लगाएं.
-
अब तिलक लगाने के बाद अपने भाई की आरती उतारें.
-
अपने भाई के हाथ में कलावा बांधें.
-
अब भाई को प्यार से मिठाई खिलाएं.
-
मिठाई खिलाने के बाद भाई को शुद्ध भोजन कराएं.
-
भाई-बहन एक-दूसरे को उपहार दें.
भाई दूज 2022 शुभ मुहूर्त (Bhai Dooj 2022 Shubh Muhurat)
26 अक्टूबर भाईदूज तिलक करने का शुभ मुहूर्त-
इस वर्ष कार्तिक कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 व 27 अक्टूबर दोनों दिन लग रही है.
26 अक्टूबर को दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से द्वितीया तिथि शुरू होगी, जो कि 27 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक रहेगा.
26 अक्टूबर को भाई दूज का त्योहार मनाना है तो बता दें कि द्वितीय तिथि प्रारंभ होने के बाद दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक पूजा और तिलक का शुभ मुहूर्त बन रहा है.
इस दिन दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से लेकर दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक विजय मुहूर्त रहेगा.
इसके बाद शाम 05 बजकर 41 मिनट से लेकर शाम 06 बजकर 07 मिनट तक गोधुलि मुहूर्त.
26 अक्टूबर को भाई दूज मनाने वाली बहनें इनमें से किसी भी मुहूर्त में भाई का तिलक करें.
27 अक्टूबर को पूजन का यह है शुभ मुहूर्त-
उदया तिथि के हिसाब से भाईदूज का पर्व 27 अक्टूबर को मनाया जाएगा.
27 अक्टूबर को भाईदूज शुभ मुहूर्त सुबह 11 बजकर 07 मिनट से दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक है.
27 अक्टूबर को भाई दूज का त्योहार मनाने वाले हैं, तो सुबह 11 बजकर 07 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 45 मिनट तक भाई दूज मना सकते हैं.
सुबह 11 बजकर 42 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 27 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा. इस मुहूर्त में भाई को तिलक करना बहुत ही शुभ है.
Also Read: Bhai Dooj 2022 Date Time: भाई दूज कब है 26 या 27 अक्टूबर? सही तारीख, शुभ मुहूर्त जानें
भाई दूज कथा (Bhai Dooj Story)
हिंदू ग्रंथों के अनुसार यमराज और यमुना नदी दोनों भाई-बहन हैं. माना जाता है कि एक दिन यमराज को अपनी बहन यमुना की याद बहुत याद आती है. जिसके बाद यमराज उनसे मिलने पृथ्वी पर आते हैं. इस बात की जानकारी होते ही यमुना बेहद खुश होती है और अपने भाई यमराज के लिए खुद खाना बनाकर उन्हें खाना खिलाती है और माथे पर तिलक लगाती है. उस दिन से कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितिया तिथि को भाई दूज पर्व मनाई जा रही है. इसे भाई दूज या भैया दूज, भाई टीका, यम द्वितीया, भ्रातृ द्वितीया जैसे कई नामों से जाना जाता है.