जिला अस्पताल में बायो मेडिकल कचरे के निस्तारण के प्रति लापरवाही बरती जा रही है. शासन के सख्त नियम होने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार की ओर से लागू नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है. अस्पताल में रीजनल डायग्नोस्टिक सेंटर के सामने बायो मेडिकल कचरा खुले में फेंका जा रहा है. जबकि यहां पर रोजाना सैकड़ों की तादाद में डायरिया, मलेरिया और टाइफाइड जैसी बीमारियों के मरीज भी आते हैं. ऐसे में बायो मेडिकल वेस्ट को खुले में फेंकने से गंभीर संक्रमण की आशंका बनी हुई है.
आगरा अस्पताल में नियम से हो रहा खिलवाड़
मिली जानकारी के अनुसार पर्यावरण प्रदूषण के खतरे से निपटने के लिए केंद्र सरकार की ओर से अस्पतालों से निकलने वाले बायो मेडिकल वेस्ट के निस्तारण के लिए कड़े नियम लागू हैं. अस्पतालों का बायो मेडिकल कचरा हरे नीले रंग के डिब्बों या कूड़ेदान में ही डालने का नियम बनाया गया है. लेकिन आगरा के जिला अस्पताल में इन नियमों से खिलवाड़ किया जा रहा है.
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सोशल मीडिया पर चल रहे एक वीडियो के अनुसार जिला अस्पताल के रीजनल डायग्नोस्टिक सेंटर के सामने खुले में सीढ़ियों के किनारे से बायो मेडिकल वेस्ट पड़ा हुआ है. यहां से निकलने वाले लोग बदबू की वजह से अपनी नाक बंद कर निकलने को मजबूर हैं, लेकिन इस कचरे को उठाने वाला कोई भी नहीं है. जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. एके अग्रवाल से जब इस बारे में बात की गई तो, उनका कहना है कि मैंने ऐसा कोई भी कचरा खुले में नहीं देखा. अगर ऐसा है तो मैं इसकी जानकारी करता हूं.