याचिकाकर्ताओं ने मामले की जांच स्वतंत्र केंद्रीय एजेंसी को स्थानांतरित करने का अनुरोध करते हुए दावा किया कि स्थानीय पुलिस ठीक से जांच नहीं कर रही है. इसे एक बहुत गंभीर मामला बताते हुए न्यायमूर्ति जय सेनगुप्ता ने अगले आदेश तक निचली अदालत के समक्ष मामले की कार्रवाई पर रोक लगा दी है. अदालत ने राज्य को 21 फरवरी को सुनवाई की अगली तारीख पर सभी संबंधित मामलों में केस डायरी प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है. पश्चिम बंगाल सरकार का प्रतिनिधित्व कर रहे महाधिवक्ता किशोर दत्ता के अनुरोध पर अदालत ने राज्य को तीन सप्ताह में हलफनामा दाखिल करने की अनुमति दी है. याचिकाकर्ताओं को इसके बाद एक सप्ताह में जवाब दाखिल करना होगा.
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याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि सत्तारूढ़ दल टीएमसी के प्रति निष्ठा रखने वाले उपद्रवियों ने जून 2019 में उत्तर 24 परगना जिले के नजात थाना क्षेत्र के अंतर्गत संदेशखाली में उनके घरों पर हमला किया और प्रदीप मंडल और सुकांत मंडल की हत्या कर दी तथा देबदास मंडल का अपहरण कर लिया, जिनके अवशेष दो साल बाद वहां एक नदी के किनारे पाए गए थे. यह आरोप लगाया गया था कि स्थानीय पुलिस द्वारा उन चार लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया गया जिनका नाम प्राथमिकी में नहीं था, जबकि शाहजहां शेख का नाम इसमें नहीं था. याचिकाकर्ता ने कहा कि शिकायतकर्ता ने शाहजहां को मामले में मुख्य आरोपी बताया था.
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