WB News : केंद्र सरकार सीबीआई को नहीं करती नियंत्रित, जांच को बाधित करता चाहती है राज्य सरकार
पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के बाद सीबीआई द्वारा कोई जांच नहीं की जा सकती.
By Shinki Singh | November 10, 2023 5:47 PM
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को लेकर महत्वपूर्ण जवाब दाखिल किया है. केंद्र ने कहा है कि सीबीआई स्वतंत्र कानूनी संस्था है और उस पर हमारा कोई नियंत्रण नहीं है. अपने जवाब में केंद्र ने उच्चतम न्यायालय से बंगाल सरकार की उस याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जिसमें सीबीआई पर राज्य की सहमति के बिना एफआईआर दर्ज करने और जांच शुरू करने का आरोप लगाया गया था.पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर दावा किया है कि राज्य में 12 मामलों की सुनवाई से सीबीआई को हटाया जाना चाहिए. राज्य ने कहा है कि राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में किसी भी मामले की जांच के लिए राज्य की सहमति अनिवार्य की गयी है.
बावजूद इसके सीबीआई एफआईआर दर्ज कर रही है और जांच कर रही है. इस पर केंद्र सरकार ने तर्क दिया कि सीबीआई एक स्वतंत्र कानूनी संस्था है और उसका इस पर कोई नियंत्रण नहीं है.बंगाल सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 131 के तहत शीर्ष अदालत में एक मुकदमा दायर किया है. इस मामले में केंद्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जस्टिस बीआर गवई और अरविंद कुमार की पीठ को बताया कि बंगाल सरकार की याचिका सुनवाई योग्य नहीं है, क्योंकि अनुच्छेद 131 के तहत सीबीआई के खिलाफ मुकदमा दायर नहीं किया जा सकता है.
श्री मेहता ने कहा कि मुकदमे में जिन 12 मामलों का उल्लेख किया गया है, वे कलकत्ता उच्च न्यायालय के निर्देश पर सीबीआई द्वारा दर्ज किए गए थे. उन्होंने कहा, “ये तथ्य मुकदमे से पूरी तरह से गायब हैं. इस अदालत को गुमराह करने का प्रयास किया गया है क्योंकि तथ्यों को दबा दिया गया है.” उन्होंने कहा कि एफआईआर भी कलकत्ता हाइकोर्ट के आदेश पर है दर्ज की गई है.पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से पेश वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल ने कहा कि राज्य सरकार की ओर से केंद्रीय एजेंसियों को जांच के लिए दी गई सामान्य सहमति वापस लेने के बाद सीबीआई द्वारा कोई जांच नहीं की जा सकती. सिब्बल ने कहा, ”सीबीआई नहीं, कोई भी एफआईआर दर्ज नहीं कर सकता. यह एक संवैधानिक मुद्दा है. उन्होंने कहा कि सहमति वापस लेने के बाद भी कई एफआईआर दर्ज की गईं और राज्य को इस अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा. मामले में सुनवाई बेनतीजा रही और 23 नवंबर को फिर से शुरू होगी.
न्यायमूर्ति गवई ने कहा कि पीठ में न्यायाधीशों का संयोजन शुक्रवार से बदल जाएगा और इसलिए वह रजिस्ट्री को इस मामले की सुनवाई करने वाली पीठ के गठन के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अनुमति लेने का निर्देश दे रहे हैं.गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल सरकार ने 16 नवंबर, 2018 को राज्य में जांच और छापेमारी करने के लिए सीबीआई को दी गई ‘सामान्य सहमति’ वापस ले ली थी. राज्य में चिटफंड, कोयला चोरी, राशन वितरण भ्रष्टाचार और नियुक्ति भ्रष्टाचार संबंधित कई मामलों की जांच सीबीआइ कर रही है.