रैयतों की मांगों पर बोले जीएम
रैयतों की मांगों पर आम्रपाली व चंद्रगुप्त जीएम अमरेश सिंह ने कहा कि चन्द्रगुप्त कोल परियोजना चतरा व हजारीबाग जिले में है. चन्द्रगुप्त ओसीपी में 15 एमटीपिए कोयला की क्षमता है, जो 1495 हेक्टेयर के क्षेत्र में स्थित है. अधिकांश भाग हजारीबाग वन क्षेत्र में 667.68 हेक्टेयर और शेष 21.7 हेक्टेयर चतरा वन मंडल से है. ये एक खुली खदान है. खदान चालू होने के बाद पर्यावरण प्रदूषण होने की आशंका है. जिसके लिए सीसीएल कोयला क्षेत्र की सभी जगहों में पानी का छिड़काव वा पर्यावरण संरक्षण को लेकर पेड़ पौधा लगायेगी. इस परियोजना की आयु 41 वर्ष है, परंतु सीसीएल को 25 साल के लिए एमडीएओ मिला है. 25 साल में कंपनी 5270 मिलियन टन कोयला निकलेगी. इस परियोजना से लगभग 8 हजार लोग प्रत्यक्ष वा अप्रत्यक्ष रूप में रोजगार से जुड़ेंगे. श्री सिंह ने सीसीएल के आर एंड आर पॉलिसी के तहत परियोजना क्षेत्र से विस्थापित रैयतों को प्रति 2 एकड़ में एक नौकरी, साथ ही प्रति एकड़ 902900 की दर से जमीन का मुआवजा, वर्तमान दर से घर, कुआं, चहारदीवारी, पेड़ पौधा का मुआवजा, प्रति परिवार 5 डिसमिल जमीन, स्थानांतरण भत्ता 50,000, पुनर्वास भत्ता 50,000 या एक मुस्त 6 लाख देने, जीवन यापन के लिए प्रति परिवार 300 दिनों का वर्तमान न्यूनतम मजदूरी देने, गैरमजरूआ जंगल झाड़ी भूमि व गैरमजरूआ खास भूमि का सत्यापन होने पर प्रति 2 एकड़ में एक नौकरी देने की घोषणा की.
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ये थे मौजूद
लोक सुनवाई के मौके पर सुसी इंफ्रा प्राली जीएम आरएस यादव, कौशल्या देवी, पंसस अनिता देवी, सांसद प्रतिनिधि बालेश्वर कुमार, विधायक प्रतिनिधि सुरेश साव, मनोज सिंह, कांग्रेस प्रखंड अध्यक्ष रविंद्र गुप्ता, प्रीतम सिंह, निरंजन साव, महेंद्र रजक, मो रब्बानी, मो जहूर, मो शमीम, सोनू इराकी, जागेश्वर साव, बिनोद नायक, कमलनाथ महतो, कंचन गुप्ता, दिलेश्वर महतो, कविता देवी, रामा सोनी, मो रफीक, कन्हाई माली, सुरेंद्र गोस्वामी समेत सैकड़ो लोग मौजूद थे.
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