पाली-तानाखार से लगातार दो बार विधायक रहे रामदयाल उइके कांग्रेस छोड़ बीजेपी में आए, तो तीसरे नंबर पर खिसके
पाली-तानाखार (एसटी) विधानसभा सीट पर एक बार फिर बीजेपी ने रामदयाल उइके पर दांव लगाया है. हालांकि, कांग्रेस पार्टी छोड़कर भगवा झंडा थामने वाले उइके पिछली बार तीसरे नंबर पर रहे थे. इस बार कांग्रेस ने अपना उम्मीदवार बदल दिया है. उसने दुलेश्वरी सीदर को मैदान में उतारा है.
By Mithilesh Jha | February 17, 2024 2:35 PM
अनुसूचित जनजाति (एसटी) के लिए आरक्षित पाली-तानाखार सीट पर कांग्रेस वर्ष 2008 से कभी नहीं हारी. पहले दो चुनावों यानी वर्ष 2008 और वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में रामदयाल उइके ने कांग्रेस के लिए यह सीट जीती. वर्ष 2018 में मोहित राम ने कांग्रेस के टिकट पर विजय पताका लहराया. इस चुनाव में 2,12,279 मतदाता वोटिंग के अधिकारी थे, लेकिन 1,73,560 वोटर्स ने ही अपने मताधिकार का प्रयोग किया. यहां 81.76 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें से 38.59 फीसदी वोट पाकर मोहित राम क्षेत्र के विधायक बने. दूसरे नंबर पर जीजीपी के हीरासिंह मरकाम रहे, जिन्हें 33.02 फीसदी वोट मिले. वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव में यहां दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा. इस बार बीजेपी ने एक बार फिर रामदयाल उइके को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस पार्टी ने दुलेश्वरी सीदर को उनके मुकाबले मैदान में उतारा है. पाली-तानाखार (एसटी) विधानसभा क्षेत्र पर इस बार 2,28,061 मतदाता पंजीकृत हैं. इनमें से 1,13,307 पुरुष वोटर हैं, जबकि 1,14,746 महिला मतदाता हैं. आठ वोटर थर्ड जेंडर यानी तृतीय लिंग के हैं. 18 से 19 वर्ष की आयु के 7,217 वोटर इस बार जुड़े हैं, जो पहली बार मतदान करेंगे. विधानसभा क्षेत्र में 80 साल से अधिक आयु के 2,584 वोटर हैं, जबकि दिव्यांग मतदाताओं की संख्या 2,029 है. इस विधानसभा क्षेत्र में पुरुष वोटर से ज्यादा महिला वोटर हैं. वोटर रेशियो 1013 है.
तीसरे नंबर पर पहुंच गए थे रामदयाल उइके
बता दें कि वर्ष 2018 में जब चुनाव हुए, तो रामदयाल उइके कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. बीजेपी ने उन्हें टिकट दिया और वह कांग्रेस उम्मीदवार मोहित राम से चुनाव में पराजित हो गए. कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने वाले रामदयाल उइके इस बार तीसरे नंबर पर रहे. उन्हें 18.53 फीसदी वोट मिले. क्षेत्र के 2.95 फीसदी मतदाताओं ने नोटा दबाया. वोट की बात करें, तो मोहित राम को 66,971 वोट, हीरासिंह मरकाम को 57,315 और रामदयाल उइके को 32,155 वोट मिले. 5,128 लोगों ने नोटा दबाया. किसान कांग्रेस के जिलाध्यक्ष मोहित राम पहली बार चुनाव जीते. उन्होंने लगातार दो बार विधायक रहे रामदयाल उइके को पराजित किया, जिन्होंने टिकट नहीं मिलने पर पाला बदल लिया था.
मोहित राम ने जीती थी यह सीट
पाली-तानाखार (एसटी) सीट के विधायक मोहित राम आठवीं पास हैं. पेशे से कृषक और व्यवसायी हैं. 7 जून 1965 को कोरबा जिला के पोलमी गांव में जन्मे मोहित राम के पिता का नाम बुधराम है. 28 मई 2002 को उनका विवाह प्रफुल्ला से हुआ. उनकी चार संतानें हैं, जिसमें तीन बेटे और एक बेटी है. वर्ष 2018 में वह पहली बार विधानसभा का चुनाव जीते. इस बार कांग्रेस पार्टी ने उनका टिकट काट दिया है. उनकी जगह दुलेश्वरी सीदर को टिकट दिया गया है.
बता दें कि वर्ष 2018 में कांग्रेस पार्टी ने बीजेपी पर बड़ी जीत दर्ज की थी. छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे ज्यादा सीटें जीतकर कांग्रेस ने सरकार बनाई थी. कांग्रेस पार्टी ने 68 सीटें जीतीं थीं, जबकि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को सिर्फ 15 सीटों पर जीत मिल पाई थी. बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) के हिस्से में दो और जेसीसी (जे) ने पांच सीट पर जीत दर्ज की थी. बाद में राज्य में हुए कई उपचुनावों में कांग्रेस ने जीत दर्ज की और उसके विधायकों की संख्या बढ़कर 71 हो गई, जबकि बीजेपी के विधायकों की संख्या घटकर 13 रह गई.