Christmas Day 2023, Asia Largest Church: क्रिसमस का पर्व हर साल 25 दिसंबर को मनाया जाता है. यह ईसाई धर्म का एक प्रमुख त्योहार है. इसका आनंद सबसे अधिक बच्चे उठाते हैं, क्योंकि उन्हें सांता क्लॉज़ से उपहार मिलते हैं. भारत समेत दुनिया भर के सभी चर्चों को दुल्हन की तरह सजा दिया जाता है. इस दिन लोग कैंडल जलाकर प्रभु ईशु से प्रार्थना करते हैं. हम आपको इस आर्टिकल में एशिया के सबसे बड़े चर्च के बारे में बताएंगे, जहां क्रिसमस के मौके पर लाखों लोग प्रार्थना करने के लिए आते हैं.
हम बात कर रहे हैं एशिया के सबसे बड़े चर्च के बारे में तो बता दें कि यह चर्च उत्तर पूर्वी राज्य नागालैंड में है. एशिया का सबसे बड़ा चर्च का नाम ज़ुन्हेबोटो सुमी बैपटिस्ट चर्च है. क्रिसमस के दिन इस चर्च को दुल्हन की तरह सजाया जाता है. जिसे देखने के लिए दूर-दूर से पर्यटक आते हैं.
दरअसल एशिया के सबसे बड़े चर्च की खासियत यह है कि इसे सफेद रंग के संगमरमर से बनाया गया है. चांदनी रात में यह चर्च देखने लायक होता है. एशिया के सबसे बड़ा चर्च को बनाने में करीब 36 करोड़ रुपए लग गए थे.
इसे बनाने में करीब 10 साल का समय लग गया था. इस चर्च में दुल्हन और दूल्हा के लिए ड्रेसिंग रूम, पूल, कैफेटिरयां, कांफ्रेंस रूम भी है. यह चर्च समुद्र स्तर से 1864.9 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है.
गौरतलब है कि ज़ुन्हेबोटो सुमी बैपटिस्ट चर्च की घंटी की की कीमत सिर्फ 15 लाख रुपए है. इसके अलावा यहां बैठने के लिए अंडे के आकार में ब्रेंच बने हुए हैं. जहां पर एक साथ 8 हजार से अधिक लोग आराम से बैठ सकते हैं.
इस चर्च की इमारत की लंबाई करीब 203 फुट, चौड़ाई 153 फुट और ऊंचाई 166 फुट है. बताया जाता है कि एशिया के सबसे बड़े ज़ुन्हेबोटो सुमी बैपटिस्ट चर्च को बनाने में दो हजार से अधिक श्रमिकों का योगदान है.