भारत हो या कोई अन्य देश, अपनी राष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा तथा देश का विकास सुनिश्चित करना सरकारों की प्रमुख जिम्मेदारी होती है. इसे समुचित ढंग से निभाने में विदेश नीति की बड़ी भूमिका होती है. अच्छी विदेश नीति का अर्थ है कि ज्यादा से ज्यादा देशों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंध बने. इसी की अभिव्यक्ति गृह मंत्री अमित शाह के इस बयान में हुई है कि भारत दुनिया में सभी देशों के साथ अच्छे संबंध रखने की चाह रखता है, लेकिन अपनी सीमाओं और नागरिकों की सुरक्षा के साथ कोई समझौता नहीं किया जा सकता है. उन्होंने यह भी कहा है कि देश की सुरक्षा नीति और विदेश नीति में सामंजस्य और स्पष्टता है. पहले यह होता था कि विदेश नीति की बागडोर मुख्य रूप से विशेषज्ञों और कूटनीतिकों के हाथ में हुआ करती थी. वर्तमान सरकार में हमने देखा है कि प्रक्रिया बदली है और विदेश नीति में अधिक जन-भागीदारी को बढ़ावा दिया गया है. देश के लोगों को सरकार अपने निर्णयों के बारे में बताने का प्रयास करती है कि किन आधारों पर और किन कारणों से निर्णय लिये गये हैं. ऐसा हर क्षेत्र में नीतिगत पहल के साथ किया जा रहा है. ऐसे व्यवहार से लोगों का साथ और समर्थन मिलता है, नीतियां सफल होती हैं तथा देश के विकास की गति बढ़ती है. गृह मंत्री अमित शाह ने ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन की एक रिपोर्ट का विमोचन किया है, जिसमें सर्वे के आधार पर बताया गया है कि शहरी क्षेत्र के 83 प्रतिशत युवा देश की विदेश नीति का समर्थन करते हैं. अमित शाह ने सही कहा है कि यह समर्थन अनेक कारणों से है, जिनमें जी-20 शिखर सम्मेलन में दिल्ली घोषणा को सबकी सहमति के साथ पारित कराना और कोरोना महामारी से पैदा हुई चुनौतियों का सामना करने में भारत की कोशिशें विशेष रूप से उल्लेखनीय हैं. हमारे देश के लिए तीन चीजें सबसे अहम हैं. अर्थव्यवस्था अच्छी होनी चाहिए. आज हम दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हैं तथा सकल घरेलू उत्पाद के आधार पर हम पांचवें स्थान पर हैं. सात प्रतिशत से अधिक वृद्धि दर है. हमारी मित्रता सबसे अधिक देशों के साथ है. पड़ोसी देशों- चीन और पाकिस्तान- की चुनौती का भी सामना कर रहे हैं. दूसरी चीज है कि रक्षा तैयारी अच्छी रहनी चाहिए. भारत की यह नीति हमेशा से रही है कि हम किसी अन्य देश की जमीन नहीं चाहते हैं, पर अपने को सुरक्षित रखना है. इसके लिए सैन्य और तकनीकी रूप से हमें सक्षम होना होगा. जैसा कि गृह मंत्री ने रेखांकित किया है, सीमावर्ती क्षेत्रों में पिछले वर्षों में इंफ्रास्ट्रक्चर का उल्लेखनीय विस्तार हुआ है.
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