पेयजल के लिए परेशान हैं ग्रामीण
सबसे अधिक परेशानी महिलाएं व स्कूली बच्चों को हो रही है. सुबह उठते ही महिलाओं को पानी की चिंता सताने लगती है. जलमीनार से लगभग 40 घर के 300 लोग प्यास बुझाते थे और अन्य कार्य करते थे. जलमीनार का निर्माण दो साल पहले किया गया है. हालांकि, ग्रामीणों ने कई बार चंदा कर जलमीनार की मरम्मत करायी है, लेकिन बार-बार जलमीनार खराब हो जाने से ग्रामीणों की परेशानी बढ़ जाती है. ग्रामीणों ने जलमीनार के खराब हो जाने की सूचना पीएचईडी व मुखिया को दी है, लेकिन किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया. ग्रामीणों के समक्ष सबसे बड़ी समस्या यह है कि वे मवेशियों के लिए कहां से पानी की व्यवस्था करें.
सुबह से ही पानी की व्यवस्था में लग जाते हैं : ग्रामीण
चलकी गांव की महिला गेंदिय देवी ने कहा कि जलमीनार खराब होने से पानी की समस्या उत्पन्न हो गयी है. सुबह उठते ही कुआं व नदी जाकर पानी लाना पड़ता है. इसके बाद खाना बनाकर बच्चों को खिला कर स्कूल भेजते हैं. कांति देवी, ललिता देवी ने कहा कि भीषण गर्मी में पेयजल के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है. जमनी देवी ने कहा कि जहां तहां से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं. राजेश भारती ने कहा कि पानी के लिए दर दर भटकना पड़ रहा है. ग्रामीणों ने उपायुक्त से जलमीनार की मरम्मत करा कर पेयजल संकट से निजात दिलाने की मांग की है.
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जल्द ही जलमीनार दुरुस्त की जायेगी : मुखिया
मुखिया वीणा देवी ने कहा कि जलमीनार खराब रहने की जानकारी है. जल्द ही जलमीनार को दुरुस्त कर लोगों के बीच पेयजल आपूर्ति की जायेगी.