कुश्ती के न होने से भारत को बड़ा नुकसान
निशानेबाजी को बर्मिंघम में हुए पिछले खेलों की सूची से हटा दिया गया था. निशानेबाजी राष्ट्रमंडल खेलों में अब तक 135 पदक (63 स्वर्ण, 44 रजत और 28 कांस्य) के साथ भारत का सबसे मजबूत खेल रहा है. कुश्ती इस सूची में 114 (49 स्वर्ण, 39 रजत और 26 कांस्य) पदक के साथ तीसरे स्थान पर है. भारत ने 2018 गोल्ड कोस्ट सत्र में निशानेबाजी में 16 पदक (सात स्वर्ण, चार रजत और पांच कांस्य) जीते थे, जो देश के कुल 66 पदकों का लगभग 25 प्रतिशत हिस्सा था. सीडब्ल्यूजी 2026 में पैरा-निशानेबाजी के जुड़ने से भारत की पदक तालिका में भी इजाफा होगा. लेकिन कुश्ती की अनुपस्थिति से टीम को नुकसान होगा.
बर्मिंघम में कुश्ती में भारत ने जीते थे 12 मेडल
भारत ने बर्मिंघम खेलों में कुश्ती में सबसे अधिक 12 (छह स्वर्ण, एक रजत, पांच कांस्य) पदक हासिल किये थे. यह खेल 2010 के बाद से लगातार चार खेलों में शामिल रहा. दूसरी ओर, तीरंदाजी केवल दो बार राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा रहा है. यह 1982 और 2010 में इन खेलों का हिस्सा बना और भारत इन खेलों की सर्वकालिक पदक तालिका में तीरंदाजी में दूसरे स्थान पर है. भारतीय ओलंपिक संघ (आईओए) ने इस साल अप्रैल में सीजीएफ को 2026 सीडब्ल्यूजी में निशानेबाजी, कुश्ती और तीरंदाजी को शामिल करने के लिए लिखा था. उन्होंने इस खेलों की प्रारंभिक सूची से इन तीनों को हटाने के फैसले को ‘चौंकाने वाला’ बताया गया था.
राष्ट्रमंडल खेलों में कई नए खेल जुड़े
गोल्फ, 3×3 बास्केटबॉल, 3×3 व्हीलचेयर बास्केटबॉल, कोस्टल रोइंग, निशानेबाजी, पैरा निशानेबाजी, बीएमएक्स रेसिंग, माउंटेन बाइक क्रॉस कंट्री, ट्रैक साइक्लिंग और पैरा साइकिलिंग ट्रैक को सूची में जोड़ा गया है. कोस्टल रोइंग, गोल्फ और बीएमएक्स पहली बार राष्ट्रमंडल खेलों का हिस्सा बनेंगे. बता दें कि आगामी राष्ट्रमंडल खेलों का आयोजन 17 से 29 मार्च (2026) तक ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया राज्य में मेलबर्न, जिलॉन्ग, बेंडिगो, बल्लारेट और गिप्सलैंड सहित कई शहरों और क्षेत्रीय केंद्रों में किया जाएगा. इसका उद्घाटन समारोह प्रतिष्ठित मेलबर्न क्रिकेट ग्राउंड में होगा.