Corona Death case in West Bengal : पश्चिम बंगाल में कोरोना से पीड़ित मृत डॉक्टर के परिजनों को मुआवजा देने की मांग
कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध चिकित्सकों के संगठन नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को पत्र लिख कर कोरोना से संक्रमित होने के कारण मृत डॉक्टर (deceased doctor) विप्लव दासगुप्ता के परिजनों को जल्द मुआवजा (compensation) देने की मांग की है. एनएमओ के कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने डॉक्टर की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा कि डॉक्टर की मृत्यु (Corona Death) से पूरा चिकित्सक समाज शोक संतप्त है. ऐसे में इस महामारी (Coronavirus Pandemic) से मुकाबला के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत है.
By Panchayatnama | April 28, 2020 12:59 PM
अजय कुमार, कोलकाता : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध चिकित्सकों के संगठन नेशनल मेडिकोज आर्गेनाइजेशन (एनएमओ) ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री व स्वास्थ्य मंत्री ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को पत्र लिख कर कोरोना से संक्रमित होने के कारण मृत डॉक्टर (deceased doctor) विप्लव दासगुप्ता के परिजनों को जल्द मुआवजा (compensation) देने की मांग की है. एनएमओ के कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने डॉक्टर की मृत्यु पर शोक जताते हुए कहा कि डॉक्टर की मृत्यु (Corona Death) से पूरा चिकित्सक समाज शोक संतप्त है. ऐसे में इस महामारी (Coronavirus Pandemic) से मुकाबला के लिए चिकित्सा क्षेत्र से जुड़े डॉक्टरों व स्वास्थ्यकर्मियों को उचित सुरक्षा मुहैया कराने की जरूरत है.
एनएमओ के कोलकाता चैप्टर के अध्यक्ष डॉ प्रभात सिंह ने कहा कि कोविड-19 के संक्रमित रोगियों की चिकित्सा से जुड़े स्वास्थ्यकर्मियों को राज्य सरकार बाध्यतापूर्वक 14 दिनों के क्वारेंटाइन की व्यवस्था करें तथा उनके रहने के लिए आइसोलेशन की व्यवस्था की जाये. कोलकाता के स्वास्थ्यकर्मियों को होटल में रहने की और ब्लॉक स्तर के स्वास्थ्यकर्मियों के लिए ‘पाथेर साथी’ में रहने की व्यवस्था करने की मांग की. स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त पीपीइ तथा अन्य सुरक्षा व्यवस्था की जाये. चूंकि मृत डॉक्टर स्वास्थ्य सेवा निदेशालय में काम करते थे. इसलिए उनके संक्रमण के कारणों की जांच हो. इससे अन्य को भी मदद मिलेगी तथा मृत डॉक्टर के परिजन को राज्य सरकार द्वारा घोषित 10 लाख रुपये और केंद्र सरकार द्वारा घोषित 50 लाख रुपये की बीमा राशि जल्द उपलब्ध करायी जाए.