Coronavirus Impact : दुर्गा पूजा में नहीं बन रहे भव्य पूजा पंडाल, जानिए बंगाल के पूजा पंडालों का हाल…
coronavirus impact on durga puja of bengal Pooja Pandal artisan becomes unemployed : कोलकाता की दुर्गा पूजा पूरे देश में प्रसिद्ध है. शारदीय नवरात्र का उत्सव बंगाल खासकर कोलकाता के लिए महात्सव का काल है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव बहुत ही साधारण तरीके से मनाया जाने वाला है. चूंकि कोलकाता और पूरे बंगाल में पूजा पंडालों में खास सजावट होती है और बहुत ही भव्य प्रतिमाओं का निर्माण होता रहा है, लेकिन इस बार साधारण तरीके से पूजा होने के कारण बंगाल के दुर्गा पंडाल कारीगर भारी संकट में आ गए हैं.
By Prabhat Khabar Digital Desk | September 21, 2020 10:33 PM
कोलकाता : कोलकाता की दुर्गा पूजा पूरे देश में प्रसिद्ध है. शारदीय नवरात्र का उत्सव बंगाल खासकर कोलकाता के लिए महात्सव का काल है, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस साल दुर्गा पूजा का उत्सव बहुत ही साधारण तरीके से मनाया जाने वाला है. चूंकि कोलकाता और पूरे बंगाल में पूजा पंडालों में खास सजावट होती है और बहुत ही भव्य प्रतिमाओं का निर्माण होता रहा है, लेकिन इस बार साधारण तरीके से पूजा होने के कारण बंगाल के दुर्गा पंडाल कारीगर भारी संकट में आ गए हैं.
दुनियाभर में फैली इस महामारी की वजह से इस साल कोलकाता में दुर्गापूजा का आयोजन छोटे पैमाने पर हो रहा है. बहुत सी दुर्गापूजा कमेटियां इस साल पंडाल का निर्माण नहीं करेंगी और क्लब भवन में ही पूजा का आयोजन होगा. जिन कमेटियों ने पंडाल बनाने का निश्चय किया है वे भी साधारण तरीके से ही पूजा करेंगी. इस स्थिति में पंडाल में में काम करने वाले कारीगर खाली हाथ हैं और उनके सामने रोजगार का संकट है.
गौरतलब है कि बंगाल के वीरभूम, पुरुलिया, नदिया, मुर्शिदाबाद, पूर्व व पश्चिम मेदिनीपुर, उत्तर व दक्षिण 24 परगना समेत विभिन्न जिलों से हर साल हजारों की संख्या में पंडाल कारीगर कोलकाता आते हैं लेकिन इस साल पंडालों की संख्या कम होने व आकार छोटा होने के कारण ज्यादातर कारीगरों की मांग नहीं है. मध्य कोलकाता की यंग ब्वायज क्लब सर्वजनीन दुर्गापूजा समिति के पदाधिकारी ने बताया-‘एक-एक पूजा पंडाल में पहले जहां 25-26 कारीगर काम किया करते थे, वहां इस साल महज सात से आठ कारीगर ही हैं. चूंकि पंडाल का आकार छोटा है इसलिए उन्हें तैयार करने के लिए ज्यादा कारीगरों की जरूरत नहीं पड़ रही.पंडाल कारीगरों की संख्या कम होने की एक बड़ी वजह शारीरिक दूरी के नियम का पालन करना भी है.ज्यादा कारीगरों को रखकर पंडाल का निर्माण कार्य नहीं कराया जा सकता क्योंकि इससे कोरोना का संक्रमण फैलने का खतरा है.