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कोरोना की रोकथाम को लेकर मॉक ड्रिल
इस दौरान संभावित कोरोना संक्रमित मरीज की जानकारी मिलते ही एंबुलेंस से उसे अस्पताल लाया जाता है. जैसे ही एंबुलेंस पहुंचता है पीपीई किट पहने स्वास्थ्यकर्मी उसे उतारकर कोविड वार्ड ले जाते हैं. मरीज को हो रही परेशानी की जानकारी ली जाती है. उसके ऑक्सीजन लेवल चेक किया जाता है. इसके बाद उसे आईसीयू में लाया जाता है और इलाज शुरू किया जाता है. मॉक ड्रिल के दौरान मरीज की मरीज को बचाने के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी खुद को भी संक्रमण से बचाने के लिए सभी प्रोटोकॉल का पालन करते हैं. इस दौरान डीडीसी नीतीश कुमार सिंह, सिविल सर्जन डॉ अजीत खलखो सहित अन्य उपस्थित थे.
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डीसी ने किया निरीक्षण
डीसी शशि रंजन ने मंगलवार को कोविड अस्पताल का निरीक्षण किया. उन्होंने ऑक्सीजन प्लांट, बेड और उपकरण सहित अन्य का निरीक्षण किया. पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन कोरोना से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है. कोविड अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन, दवा सहित अन्य आवश्यक संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था है. चिकित्सकों सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को कोविड के नये वेरिएंट से बचाव संबंधित विशेष प्रशिक्षण की व्यवस्था की जा रही है. उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि कोरोना के लक्षण का अनुभव होने पर तुरंत अपने नजदीक के सरकारी अस्पताल में जाकर अपनी जांच कराएं.