टीबी रोगी की परेशानी के लिए दंपती को कारण समझते थे पड़ोसी
जानकारी के अनुसार, मुटुदा गांव का एक व्यक्ति टीबी से बीमार था. समुचित इलाज नहीं होने से बीमारी ठीक नहीं हो रही थी. इसके लिए पड़ोसी सोमा मुंडा (50) की पत्नी एतवारी मुंडा (45) पर डायन का आरोप लगाया था. रात को घर में दंपती, सोमा की वृद्ध मां और 10 वर्षीय पुत्र गुरुवा मुंडा सो रहा था. सोमा मुंडा का बड़ा पुत्र बाजू मुंडा बगल के गांव रंगामाटिया में अपने रिश्तेदार यहां रहता है. आरोपियों ने दोनों के सामने कुल्हाड़ी से पति-पत्नी की हत्या कर दी. रात को दोनों के शव को घर से करीब एक किमी दूर जंगल में फेंक दिया.
गांव तक सड़क नहीं, जंगल से पैदल आना-जाना करते हैं लोग
अति नक्सल प्रभावित क्षेत्र मुटुदा गांव जाने के लिए सड़क नहीं है. इस कारण मुटुदा-तानीसोया गांव के लोग जंगल के मार्ग से पैदल चौका आना-जाना करते हैं. टाटा-रांची मार्ग (एनएच-33) बड़ामटांड़ से मुटुदा की दूरी करीब 26 किमी है. एनएच 33 बड़ामटांड़ से टुरु तक जाने के लिए सड़क मार्ग है. तानीसोया व मुटुदा गांव के लोग जंगल के रास्ते से चौका थाना व चांडिल प्रखंड व अनुमंडल कार्यालय आना जाना करते हैं.
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जांच-पड़ताल में जुटी पुलिस
सरायकेला के चौका थाना प्रभारी धर्मराज कुमार ने कहा कि दोनों शवों का पोस्टमार्टम करा कर परिजनों को सौंप दिया गया. इस मामले में अबतक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है. पुलिस आगे की कार्रवाई कर रही है.