संयत व्यवहार जरूरी

डूबते को तिनके का सहारा भी बहुत होता है. लेकिन जब कोई डूबता व्यक्ति नाव पर भी बैठने से मना कर दे और नाव को ही नुकसान पहुंचाने लगे, तब क्या किया जाए! कोरोना वायरस के संक्रमण से समूची दुनिया जूझ रही है. संक्रमित लोगों और मरनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

By संपादकीय | April 7, 2020 9:43 AM
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डूबते को तिनके का सहारा भी बहुत होता है. लेकिन जब कोई डूबता व्यक्ति नाव पर भी बैठने से मना कर दे और नाव को ही नुकसान पहुंचाने लगे, तब क्या किया जाए! कोरोना वायरस के संक्रमण से समूची दुनिया जूझ रही है. संक्रमित लोगों और मरनेवालों की संख्या लगातार बढ़ रही है.

साधन-संपन्न और धनी देशों के पास भी समुचित संख्या में अस्पताल, स्वास्थ्यकर्मी, बिस्तर, मास्क, दवाएं आदि नहीं हैं. ये समस्याएं हमारे देश में भी हैं. संक्रमण को रोकने के लिए जांच करने और संभावित संक्रमितों को अलग रखने के हरसंभव प्रयास हो रहे हैं. स्वास्थ्यकर्मी जांच और सलाह देने के लिए गली-मुहल्लों की खाक छान रहे हैं. सरकारी विभागों और मीडिया द्वारा सुरक्षित रहने के साथ-साथ संक्रमण की आशंका होने या संक्रमित लोगों के संपर्क में आने पर जांच कराने के लिए लगातार संदेश प्रसारित किया जा रहा है. लेकिन यह बड़े अफसोस की बात है कि देश के अनेक हिस्सों से स्वास्थ्यकर्मियों से दुर्व्यवहार की शिकायतें आ रही हैं.

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