सिद्धू मूसेवाला के बड़े फैन हैं वेटलिफ्टर विकास ठाकुर
भारोत्तोलक विकास ठाकुर राष्ट्रमंडल खेलों के लिये यहां तक की यात्रा में सिद्धू मूसेवाला के गीत सुनते हुए आये थे और प्रतिस्पर्धा के दौरान भी पंजाब के इस दिवंगत गायक के संगीत के बारे में सोच रहे थे. मूसेवाला की हत्या के बाद दो दिन तक भोजन नहीं करने वाले ठाकुर ने राष्ट्रमंडल खेलों में रजत पदक जीतने के बाद मूसेवाला के अंदाज में जांघ पर हाथ मारकर जश्न मनाया.
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विकास ठाकुर ने सिद्धू मूसेवाला को श्रृद्धांजलि दी
हिमाचल प्रदेश के राजपूत जाट समुदाय के ठाकुर ने कहा, पंजाबी थप्पी सिद्धू मूसेवाला को श्रृद्धांजलि थी. उनकी हत्या के बाद दो दिन मैने खाना भी नहीं खाया था. उन्होंने कहा , मैं उनसे कभी मिला नहीं लेकिन उनके गीत हमेशा मेरे साथ रहेंगे. यहां आने से पहले भी मैं वही सुन रहा था. मैं हमेशा उनका बड़ा प्रशंसक रहूंगा.
बचपन में बहुत शरारती थे विकास, व्यस्त रखने के लिए परिवार वालों ने
रेलवे के कर्मचारी बृजलाल ठाकुर के बेटे विकास बचपन में बहुत शरारती थे और होमवर्क के बाद उन्हें व्यस्त रखने के लिये खेलों में डाला गया था. उन्होंने कहा , मैं अपना होमवर्क जल्दी कर लेता था और कहीं मैं बुरी संगत में नहीं पड़ जाऊं , इसलिये मेरे माता पिता ने मुझे खेलों में डाला. एथलेटिक्स, मुक्केबाजी में हाथ आजमाने के बाद मैंने भारोत्तोलन को चुना.