1995 से चल रहा विवाद
मिली जानकारी के मुताबिक, रामरती देवी और रामहर्ष द्विवेदी के बीच 1995 से जमीनी विवाद चल रहा है. लेकिन अभी तक मामले का हल नहीं हुआ. पीड़ित और दबंग महिला के खेत के बीच एक नाली थी, जिसे रामरती ने अपने बेटों के साथ मिलकर पाट दिया. इस मामले में उसके बेटे राजेंद्र कुशवाहा को 3/5 की कार्रवाई के तहत जेल भी भेजा गया था, लेकिन उसके बावजूद वह महिला सुधरने का नाम नहीं ले रही है.
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दबंग महिला नहीं मानती किसी अफसर का आदेश
इस मामले में कई बार जांच हुई. हर बार फैसला पीड़ित रामहर्ष द्विवेदी के पक्ष में हुआ, लेकिन उसके बावजूद दबंग महिला नाली पाटकर पीड़ित के खेत पर कब्जा जमाने पर उतारू है. पीड़ित ने कई बार पुलिस से शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. करीब तीन-चार महीने पहले भी दबंग महिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर पीड़ित के खेत को जुतवा दिया था, तब थाने पर लेखपाल ने छह दिन के अंदर नाप करने की बात कही थी, लेकिन तीन महीने से अधिक हो गए, अभी तक नाप नहीं हुई.
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उच्च अधिकारी नहीं कर रहे कोई कार्रवाई
पीड़ित पक्ष की ओर से सोशल मीडिया पर भी उच्च अधिकारियों से शिकायत की गयी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है. पीड़ित पक्ष ने कहा कि अगर कानून अपना काम नहीं करेगा, तब मजबूर होकर हमें कानून को अपने हाथ में लेना होगा.
गेहूं की फसल पर चलवा दी ट्रैक्टर
बता दें, इससे पहले रामरती देवी पत्नी रामबहोर कुशवाहा ने अपने बेटों के साथ मिलकर गेहूं की फसल पर ट्रैक्टर चलवा दिया था. सीओ मेजा को जांच सौंपी गई, लेकिन जमीन पर कोई कार्रवाई होती नहीं दिखी. रामरती देवी जबरदस्ती पीड़ित के जमीन पर फसल बो देती है. पुलिस से शिकायत की जाती है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. इस पूरे मामले में पुलिस प्रशासन और लेखपाल विजय की भूमिका संदेह के घेरे में है.
रामरती पर कार्रवाई करने से डरती है पुलिस?
दबंग महिला रामरती देवी के ऊपर कार्रवाई करने से पुलिस डरती है. हैरानी की बात है कि सरेआम अपराध करने पर भी महिला को गिरफ्तार नहीं किया जाता. उसके बेटे लगातार अपराध पर अपराध करते चले आ रहे हैं. राजस्व विभाग भी मौन है.