साथ ही, उन्होंने श्री घोष को पद से हटाये जाने के बारे में मीडिया में आयी खबरों का खंडन किया. मीडिया के एक हिस्से में ऐसी खबरें आयीं थीं कि दिलीप घोष को चुनाव से पहले प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटाया जा सकता है, क्योंकि केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश भाजपा में अंदरूनी कलह से खुश नहीं है.
श्री विजयवर्गीय ने शनिवार को कहा, ‘खबरें न केवल आधारहीन हैं, बल्कि भ्रामक और राजनीतिक रूप से प्रेरित भी है. मैं स्पष्ट रूप से कहना चाहता हूं कि पश्चिम बंगाल भाजपा दिलीप घोष के प्रदेश अध्यक्ष रहते हुए विधानसभा चुनाव लड़ेगी. उन्हें हटाने का कोई सवाल ही नहीं है.’
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श्री घोष के करीबी माने जाने वाले एवं पश्चिम बंगाल भाजपा के महासचिव सायंतन बसु ने कहा, ‘दिलीप दा को अपना पहला कार्यकाल पूरा करने के बाद इस जनवरी में तीन साल के लिए फिर से चुना गया था. उन्हें हटाने का कोई सवाल ही नहीं है.’
श्री घोष ने खुद कहा है कि वह पार्टी के ‘वफादार सिपाही’ हैं और ऐसी किसी भी खबर के बारे में नहीं जानते हैं. पार्टी की प्रदेश इकाई में हाल ही में एक बड़े संगठनात्मक बदलाव के बाद इन अटकलों को बल मिला था. राज्य में दशकों तक राजनीतिक रूप से सीमित मौजूदगी के बाद भाजपा सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की मुख्य प्रतिद्वंद्वी के रूप में उभरी है.
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पिछले साल हुए आम चुनाव में पश्चिम बंगाल की 42 लोकसभा सीटों में से भाजपा ने 18 सीटों पर जीत दर्ज की थी. भाजपा नेताओं ने विश्वास जताया है कि वे अगले साल अप्रैल-मई में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के 10 साल के शासन को समाप्त कर देंगे. इसके लिए पार्टी ने अभी से पूरी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है.
Posted By : Mithilesh Jha