यूपी सरकार ने किया सम्मान: दिव्या
दिव्या काकरान ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि ‘दिल्ली सरकार से मदद न मिलने पर मैंने 2018 में यूपी से लड़ना शुरू किया. 2019 में यूपी सरकार ने मुझे रानी लक्ष्मीबाई पुरस्कार दिया. 2020 में उन्होंने मुझे 20 हजार आजीवन पेंशन दी. वहीं, कॉमनवेल्थ गेम्स में मेडल जीतने पर उन्होंने 50 लाख रुपए और गैजेस्टेड ऑफीसर रेंक की नौकरी देने की घोषणा की है. उत्तर प्रदेश सरकार ने मेरी मदद की, यहां तक कि हरियाणा सरकार ने भी. लेकिन दिल्ली सरकार कभी मदद के लिए नहीं आई.’
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हम कोई अपना भीख नहीं मांग रहे: दिव्या
दिव्या ने आगे कहा कि ‘हम कोई अपना भीख नहीं मांग रहे हैं, बस सिर्फ अपना हक मांग रहे हैं. मेरी सरकार से कोई दुश्मनी नहीं है. मैं खुद 2017 में उनके पास गई थी. 2018 में उन्होंने मेरी मुलाकात करवाई, हमने लिखित रूप से उन्हें आवेदन देने के लिए कहा और अपनी जरूरतें भी बताईं थी. लेकिन कोई भी मदद नहीं मिली.’
आप विधायक सौरभ भारद्वाज ने मांगे सबूत
आम आदमी पार्टी के विधायक सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा कि आप दिल्ली राज्य की तरफ से नहीं बल्कि हमेशा उत्तर प्रदेश की तरफ से खेलती रही है. इसके जवाब में दिव्या ने अपने दिल्ली से खेलने का सर्टिफिकेट सोशल मीडिया पर शेयर किए. दिव्या ने सर्टिफिकेट पोस्ट करते हुए लिखा, ‘2011 से 2017 तक मैं दिल्ली से खेलती थी, ये रहा दिल्ली स्टेट का सर्टिफिकेट. अगर आपको अब भी यकीन नहीं तो दिल्ली स्टेट से 17 गोल्ड है मेरा, वो सर्टिफिकेट भी अपलोड करूं.’
बता दें कि 23 वर्षिय दिव्या काकरान ने कॉमनवेल्थ गेम्स के 68 किग्रा फ्री-स्टाइल कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीता है. उन्होंने अपने मुकाबले में विरोधी को सिर्फ 30 सेकंड में ही चित्त कर दिया था. भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में कुल 61 मेडल मिले हैं.