Festival List: कब है धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन पूजा, भाई दूज और छठ, जानें सही तारीख और शुभ मुहूर्त

दीपावली की शुरुआत धनतेरस के दिन से हो जाती है और भाई दूज तक यह 5 दिवसीय उत्‍सव मनाया जाता है. खुशियों और रोशनी से भरा दिवाली का पर्व कार्तिक मास की अमावस्या तिथि को मनाते हैं, इस दिन धन की देवी मां लक्ष्‍मी और गणेशजी की पूजा होती है. दिवाली बुराई पर अच्छाई और अंधेरे पर प्रकाश की जीत का प्रतीक है.

By Radheshyam Kushwaha | November 5, 2023 11:20 AM
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Diwali 2023 Date: दीपावली हर साल कार्तिक मास की अमावस्‍या को मनाई जाती है. दिवाली का पर्व इस साल 12 नवंबर को मनाया जाएगा. पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है, फिर नरक चतुर्दशी यानि छोटी दिवाली, उसके बाद बड़ी दिवाली, फिर गोवर्द्धन पूजा और सबसे आखिर में भाई दूज पर इस पर्व की समाप्ति होती है, इसके बाद महापर्व छठ पूजा की शुरुआत हो जाती है.

धनतेरस का पर्व हर साल कार्तिक मास के कृष्‍ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है. धनतेरस इस बार 10 नवंबर को है. धनतेरस को लेकर ऐसी मान्‍यता है कि इस दिन खरीदी गई वस्‍तुओं में 13 गुना वृ‍द्धि होती है, इसके साथ ही घर-परिवार में धन की कमी नहीं होती है. त्रयोदशी तिथि का प्रारंभ 10 नवंबर को दोपहर 12 बजकर 35 मिनट पर होगा और अगले दिन 11 नवंबर को दोपहर में 1 बजकर 57 मिनट पर समाप्‍त होगी. धनतेरस का त्‍योहार प्रदोष काल में मनाया जाता है, इसलिए यह पर्व 10 नवंबर दिन शु्क्रवार को होगा.

दीपावली से एक दिन पहले और धनतेरस के अगले दिन नरक चतुर्दशी या छोटी दिवाली मनाई जाती है. कार्तिक मास के कृष्‍ण चतुर्दशी तिथि को छोटी दिवाली मनाई जाती है, इसे रूप चौदस, नरक चौदस और काली चौदस के नाम से भी जाना जाता है. चतुर्दशी तिथि की शुरुआत 11 नवंबर को दोपहर में 1 बजकर 57 मिनट से होगी और समापन अगले दिन 12 नवंबर को दोपहर में 2 बजकर 44 मिनट पर होगा. उदया तिथि के अनुसार नरक चतुर्दशी 12 नवंबर को ही मनाया जाएगा, इसी दिन दीपावली भी मनाई जाएगी. हालांकि जो लोग इस दिन काली पूजा और यमदीप जलाते हैं वे 11 नवंबर को नरक चतुर्दशी मनाएंगे.

दीपावली कार्तिक अमावस्‍या तिथि में मनाई जाती है. इस दिन भगवान राम लंका को जीतकर अयोध्‍या लौटे थे और उनका स्वागत नगरवासियों ने घी के दीपक जलाकर किया था, इस उपलक्ष्‍य में इस दिन चारों तरफ दीए जलाकर खुशियां मनाया जाता है. वहीं इस दिन गणेश भगवान और मां लक्ष्‍मी की पूजा का विशेष महत्‍व होता है. कार्तिक अमावस्‍या तिथि का आरंभ 12 नवंबर को 2 बजकर 44 मिनट पर होगा और समापन 13 नवंबर को दोपहर 2 बजकर 56 मिनट पर होगा. दीपावली की पूजा भी धनतेरस की तरह प्रदोष काल में करना शुभ माना जाता है, इसलिए दीपावली 12 नवंबर को मनाई जाएगी.

दीपावली के अगले कार्तिक शु्क्‍ल प्रतिपदा के दिन गोवर्द्धन पूजा की जाती है, इस साल गोर्वधन पूजा 14 नवंबर दिन सोमवार को है. पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि 13 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से प्रारंभ होगी और 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर समाप्त होगी. उदया तिथि मान्य होने के कारण गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को होगी. गोवर्धन पूजा प्रातःकाल मुहूर्त सुबह 06 बजकर 43 मिनट 08 बजकर 52 मिनट तक है.

भाई दूज का पर्व कार्तिक शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है. यह पर्व भाई-बहन के पवित्र रिश्‍ते को समर्पित है. भाई दूज और यम द्वितीया का पर्व 15 नवंबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा. द्वितीया तिथि 14 नवंबर को दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से प्रारंभ होगी और 15 नवंबर को दोपहर 01 बजकर 47 मिनट पर समाप्त होगी, इस साल भाई दूज 15 नवंबर 2023 को उदया तिथि में ही मनाया जाएगा.

छठ का पर्व कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि पर नहाय खाय से शुरू होता है. पंचमी को खरना, षष्ठी को डूबते सूर्य को अर्घ्य और सप्तमी को उगते सूर्य को जल अर्पित कर व्रत संपन्न किया जाता है. इसमें सूर्य और छठी मैय्या की पूजा की जाती है. साल 2023 में छठ पूजा 17 नवंबर से शुरू होगी और इसका समापन 20 नवंबर 2023 को होगा.

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