रांची, मनोज : झारखंड में लगातार दूसर साल सुखाड़ के हालात हैं. इसको लेकर राज्य की ओर से 30 अगस्त के बाद केंद्र को रिपोर्ट भेजी जायेगी. झारखंड सरकार के प्रतिनिधियों के मुताबिक, तय अवधि तक लक्ष्य के बराबर राज्य में धनरोपनी नहीं हुई. बता दें कि पिछले साल भी खरीफ के मौसम में अच्छी बारिश नहीं होने के कारण सुखाड़ के हालात बने थे. इसको लेकर किसान काफी परेशान हैं. मानसून देर से आने के कारण इस बार बिचड़ा भी देर से लगा था. इस कारण कई जिलों में अब भी किसान धनरोपनी कर रहे हैं. राज्य के आठ जिलों में कम बारिश के कारण 80 प्रतिशत से अधिक कृषि योग्य भूमि पर अब तक धान की रोपाई नहीं हो पायी है. धान की रोपाई का सही समय एक जुलाई से 31 जुलाई तक माना जाता है. मानसून में देरी से या कम बारिश होने की वजह से काफी किसान अगस्त के मध्य तक ही रोपाई करते हैं. झारखंड में 20 अगस्त तक 45 प्रतिशत धान की कुल रोपाई हुई है. धान की रोपाई के मामले में राज्य के 24 में से आठ जिलों में स्थिति गंभीर है. पलामू जिले में सबसे कम (2.96 फीसदी) धान की रोपाई हुई है.
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