कतरास (धनबाद), कामदेव सिंह : कतरास के ‘लिलौरी मंदिर’ की ख्याति न सिर्फ झारखंड में, बल्कि देश के अन्य राज्यों में भी है. कतरास की लाइफ लाइन कही जानेवाली कतरी नदी किनारे आसीन मां लिलौरी कतरास राजघराने की कुलदेवी हैं. बताया जाता है कि करीब 400 साल पहले कतरास राजघराने के राजा सुजान सिंह ने मंदिर का निर्माण कराया था. नदी किनारे ही ‘माया डूबनी’ स्थल स्थित है. मंदिर के पुजारियों के अनुसार, जब झरिया राजघराने के लोग माता की प्रतिमा को ले जा रहे थे, तब प्रतिमा नदी में डूब गयी. तभी से नदी के एक स्थल को ‘माया डूबनी’ के नाम से जाना जाता है. यहां सिद्धि प्राप्त करने के लिए दूर-दराज से भक्त आते हैं. कतरास राजघराने की कुल देवी मां लिलौरी मंदिर में आनेवाले हर भक्त की मनोकामना पूर्ण होती है. यही कारण है कि यहां भक्तों का तांता लगा रहता है. किसी भक्त की अगर मनोकामना होती है, तो वे यहां पूजा करते हैं.
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