TMC नेता के आवास पर दो घंटे से अधिक चली छापेमारी
शुक्रवार को सुबह इडी की टीम महानगर के चिनार पार्क स्थित घोष के फ्लैट पहुंची. एक अन्य टीम उनके हुगली स्थित पैतृक आवास भी गयी. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारी हुगली बलागढ़ स्थित शांतनु बनर्जी के आवास भी पहुंचे. वहां 12 घंटे से अधिक तक छापेमारी चली. उस दौरान इडी अधिकारियों के साथ सीआरपीएफ के जवान भी थे. एजेंसी के करीबी सूत्रों की मानें, तो तृणमूल यूवा कांग्रेस के नेताओं के वित्तीय लेनदेन संबंधी दस्तावेज खंगाले गये. इसके अलावा उनसे पूछताछ भी की गयी थी. इसके पहले सीबीआइ कुंतल घोष से दो बार पूछताछ कर चुकी है.
कुंतल घोष पर करीब 19 करोड़ रुपये लेने का आरोप
दरअसल मामले में गिरफ्तार तृणमूल कांग्रेस विधायक व प्राथमिक शिक्षा बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष माणिक भट्टाचार्य के करीबी व्यापारी तापस मंडल से हुई पूछताछ में सीबीआइ को कुंतल घोष व शांतनु के नाम का पता चला था. मंडल ने मीडिया से बातचीत में आरोप लगाया था कि शिक्षकों की नियुक्तियों के लिए कुंतल घोष को भी करीब 19 करोड़ रुपये मिले थे. अलबत्ता, आरोप को कुंतल घोष ने आधारहीन बताया है. शिक्षक भर्ती घोटाले के जरिये कुंतल घोष पर ढेर सारी काली कमाई करने का आरोप है.
घोटाले से जुड़े नये तथ्यों को टटोल रही जांच एजेंसी
केंद्रीय एजेंसी की छापेमारी के दौरान इडी पहले से मिले तथ्यों का सत्यापन करने के साथ ही इस घोटाले से जुड़े नये तथ्यों को टटोल रही है. केंद्रीय एजेंसी के अधिकारियों ने पहले ही आशंका जतायी है कि वर्ष 2014 से 2021 के बीच हुए शिक्षक भर्ती घोटाले से जुड़े लोगों ने अभ्यथियों से सौ करोड़ रुपये से भी ज्यादा की वसूली की है. इसके अलावा आरोपियों ने शिक्षकों के स्थानांतरण, पोस्टिंग आदि में भी शिक्षकों से मोटी वसूली की है.