आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर लगातार चर्चा हो रही है. भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) के भारत एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर केवी सुब्रह्मण्यम ने कहा है कि एआइ के कारण रोजगार में कमी आने की आशंकाओं से घबराने की जरूरत नहीं है. उन्होंने हाल में प्रकाशित आइएमएफ के एक शोध का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि रोजगार को लेकर यह चिंता या तो भय के कारण है या फिर निराशावाद या लापरवाही के कारण. उन्होंने तकनीक के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा है कि जब भी नयी तकनीक आती है, तो कुछ रोजगार अप्रासंगिक हो जाते हैं और कुछ नये अवसर पैदा होते हैं. उल्लेखनीय है कि भारत के वर्तमान मुख्य आर्थिक सलाहकार अनंत नागेश्वरन ने चिंता जतायी है कि एआइ तकनीक से उन देशों को नुकसान हो सकता है, जो डिजिटल उत्पादों के निर्यात में आगे हैं. उल्लेखनीय है कि भारत डिजिटल तकनीक के क्षेत्र में दुनिया में एक अहम स्थान रखता है और संबंधित उत्पादों का एक बड़ा निर्यातक है. सुब्रह्मण्यम का तर्क है कि अगर रोजगार पर असर भी पड़ेगा, तो आकलनों के अनुसार यह आठ से दस प्रतिशत होगा तथा ऑटोमेशन की प्रक्रिया ढाई सौ वर्षों से चल रही है.
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