बंगाल चुनाव में टीएमसी और बीजेपी के साथ-साथ फुरफुरा शरीफ के पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की प्रतिष्ठा भी दांव पर है. चुनाव से पहले पीरजादा अब्बास ने खुद की पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने का ऐलान किया. हालांकि बाद में पीरजादा अब्बास सिद्दीकी लेफ्ट गठबंधन के साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं. पीरजादा के लिए यह चुनाव राजनीतिक रूप से कई मायनों में अहम है. अगर इस चुनाव में पीरजादा की पार्टी सीट जीतने में असफल रही तो उनके राजनीतिक करियर पर ग्रहण लग सकता है.
टीवी 9 भारतवर्ष की एग्जिट पोल (Exit Poll) की मानें तो इस बार बंगाल के मुस्लिम समुदाय टीएमसी की ओर मूव कर रही है. चैनल ने करीब 10,000 लोगों का सैंपल लिया है. सैंपल के मुताबिक इस बार टीएमसी की ओर करीब 65% मुस्लिम वोटरों ने अपना रूझान बताया. वहीं 15-20% मुस्लिम ने कांग्रेस और लेफ्ट पार्टी को वोट देने की बात कही. बताया जा रहा है कि अगर एग्जिट पोल रिजल्ट में बदला तो इसका पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी को भी इसका बड़ा नुकसान हो सकता है.
पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी राज्य की 26 सीटों पर चुनाव लड़ रही है, लेकिन एग्जिट पोल में उनकी पार्टी कोई करिश्मा नहीं दिख रही है. चुनाव से पहले पीरजादा अब्बास ने दावा किया था कि उनकी पार्टी इस बार बंगाल में सरकार बनावाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.
फुरफुरा शरीफ का 120 सीटों पर सीधा असर – बताया जाता है कि बंगाल में फुरफुरा शरीफ का मुस्लिम मतदाताओं के बीच सीधा असर है. राज्य के करीब 120 सीटों पर फुरफुरा शरीफ की पकड़ है. ऐसे में माना जा रहा था कि पीरजादा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी इसबार बेहतर परफॉर्मेंस करेगी.
अभिषेक के गढ़ में सेंध लगाने की कोशिश- चुनाव से पहले पीरजादा की पार्टी इंडियन सेकुलर फ्रंट ने अभिषेक बनर्जी के गढ़ दक्षिण 24 परगना में सेंध लगाने की कोशिश शुरू की. इस क्षेत्र के भांगड़ से पीरजादाने अपने भाई को मैदान में उतारा. वहीं ममता बनर्जी की पार्टी ने फुरफुरा शरीफ के दूसरे पीरजादा तोहा सिद्दीकी से संपर्क साधकर अब्बास के खिलाफ मोर्चा खोल दिया.
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Posted By: Avinish Kumar Mishra