कानपुर : उत्तर प्रदेश में पहली बार छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय (सीएसजेएमयू) रिसर्च इन बैचलर ऑफ साइंस या आर्ट या कॉमर्स की डिग्री प्रदान करेगा. यह डिग्री लेने का विकल्प विवि के करीब 1.60 लाख छात्र-छात्राओं के लिए उपलब्ध रहेगा. परास्नातक प्रवेश वर्ष पास कर द्वितीय वर्ष की पढ़ाई न करने वाले छात्रों को यह डिग्री प्रदान की जाएगी. सत्र 2023-24 में छात्र-छात्राओं का यह प्रदेश में पहला बैच होगा, जो इसके योग्य होंगे. सीएसजेएमयू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को स्नातक व परास्नातक पाठ्यक्रम में सबसे पहले लागू की है.इस नीति के अनुसार, छात्र-छात्राओं को कई तरह की सुविधाएं प्रदान की गई हैं.इसके अनुसार, छात्र स्नातक व परास्नातक के किसी भी वर्ष में पढ़ाई छोड़ सकता है पर यह पहले की तरह उसकी डिग्री अधूरी नहीं रहेगी.अब छात्रों को स्नातक-परास्नातक के पांच वर्षीय पाठ्यक्रम में प्रथम वर्ष के बाद सर्टिफिकेट, द्वितीय वर्ष के बाद डिप्लोमा, तृतीय वर्ष के बाद स्नातक की डिग्री, चतुर्थ वर्ष के बाद रिसर्च इन बैचलर डिग्री और पांच वर्ष के बाद परास्नातक की डिग्री मिलेगी.
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