वाराणसी में मिला शव
वाराणसी में उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल में मुख्य टिकट निरीक्षक (सीआईटी) के पद पर तैनात होने के कारण वह अकेले रहते थे. उनके परिवार में पत्नी और दो बच्चे हैं, जो लखनऊ में रहते हैं. बिहार के हाजीपुर के लीलुदाबैत गांव के रहने वाले राजीव कुमार मिश्रा अपने घुंघराले लंबे बालों के लिए प्रसिद्ध थे. लंदन में 1997 में आयोजित जूनियर हॉकी विश्व कप में शानदार प्रदर्शन के बाद उनके प्रशंसकों की संख्या काफी बढ़ गयी थी.
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जूनियर विश्व कप फाइनल में किया था शानदार प्रदर्शन
भारत जूनियर विश्व कप फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से 2-3 से हार गया था लेकिन राजीव टूर्नामेंट में छह गोल करके सबसे आगे रहे. उनके बचपन के कोच प्रेम शंकर शुक्ला ने कहा, ‘राजीव की असामयिक मृत्यु भारतीय हॉकी के लिए एक बड़ा झटका है. वह असाधारण कौशल वाले हॉकी खिलाड़ी थे.’ नीदरलैंड में खेले गये 1998 विश्व कप में उनके घुटने में गंभीर चोट लगी गयी थी जिसके बाद उनका करियर परवान नहीं चढ़ सका.
चोट के बाद हॉकी इंडिया ने नहीं की थी मदद
उन्हें उस समय खेल की तत्कालीन शासी निकाय भारतीय हॉकी महासंघ (आईएचएफ) से इलाज और रिहैबिलिटेशन के लिए मदद नहीं मिली थी. शुक्ला ने कहा, ‘आईएचएफ ने राजीव का बिल्कुल भी समर्थन नहीं किया. उन्होंने कभी भी उसके चिकित्सा खर्च या किसी भी चीज का खयाल नहीं रखा. वह इसके बाद गुमनामी में चला गया. किसी ने उसकी परवाह नहीं की और इस प्रक्रिया में हमने एक उभरता हुआ सितारा खो दिया.’
हॉकी इंडिया ने जताया शोक
हॉकी इंडिया के अध्यक्ष दिलीप तिर्की ने राजीव के दुखद निधन पर शोक व्यक्त किया. तिर्की ने ट्वीट किया, ‘प्रतिभाशाली पूर्व जूनियर अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी राजीव मिश्रा के असामयिक निधन के बारे में सुनकर मुझे गहरा दुख हुआ है. खेल के प्रति उनका जुनून और समर्पण वास्तव में प्रेरणादायक था. उनके परिवार, दोस्तों और पूरे हॉकी समुदाय के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है.’