यूएचएम अस्पताल के निदेशक डॉ. सुशील प्रकाश ने बताया कि पीपीपी मॉडल के तहत सीटी स्कैन मशीन को स्थापित किया गया है. जिला अस्पताल में भर्ती मरीजों के लिए यह सुविधा पूरी तरह से निशुल्क रहेगी. अगर किसी मरीज को रात में इमरजेंसी पड़ती है. तब भी यह सुविधा उसको दी जाएगी.
सीटी स्कैन के लिए अब नहीं भटकेंगे मरीज
यूएचएम अस्पताल के कार्यवाहक सीएमएस डॉक्टर शैलेंद्र तिवारी ने बताया कि यहां पर पहले एक सीटी स्कैन मशीन लगी थी. लेकिन वह काफी समय से खराब पड़ी थी. जिसकी वजह से मरीजों को पैसा खर्च करके सीटी स्कैन कराना पड़ता था. अब नई आधुनिक तरीके की सीटी स्कैन मशीन लगने से मरीजों को भटकना नहीं पड़ेगा.
एक साल से खराब पड़ी थी मशीन
Also Read: Kanpur: कानपुर के ग्रीन पार्क में होगा 36 साल के बाद ICC वर्ल्ड कप, पहली बार भारत को मिली जिम्मेदारी
बता दें कि उर्सला अस्पताल में एक साल से सीटी स्कैन मशीन खराब पड़ी थी. मशीन खराब होने की वजह से मरीजों को बाहर से सिटी स्कैन करवाना पड़ रहा था. अस्पताल में एमआरआई मशीन तो है तकनीशियन भी है, लेकिन रेडियोलाजिस्ट नहीं है. जिसके चलते एमआरआई कराने आने वाले मरीजों को उनकी रिपोर्ट नहीं मिल पाती. रोजाना करीब 10 से 12 मरीजों को यहां से लौटाया जाता है. इससे पहले एमआरआई की रिपोर्ट के लिए हैलट अस्पताल के एकमात्र रेडियोलॉजी विभाग के विशेषज्ञ पर निर्भर रहना पड़ता है.
रिपोर्ट: आयुष तिवारी