विनोद कुमार पाठक, गढ़वा : जब-जब झारखंड सरकार को उसके मेनोफेस्टो को पूरा करने की याद दिलायी जाती है, तब-तब स्थानीय मंत्री कुछ शिखंडियों को आगे कर मुद्दे को डायवर्ट करने का काम करते हैं. भाजपा के जिला उपाध्यक्ष राजीव रंजन तिवारी ने पार्टी कार्यालय में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि गढ़वा जिला सहित पूरे राज्य में बालू को लेकर अराजक स्थिति है. चार सालों से बालू घाटों का टेंडर नहीं किया गया है. गढ़वा का बालू नोयडा में आसानी से मिल रहा है, लेकिन नदी के बगल के गावों में ट्रैक्टर ले जाने पर पुलिस उसे जब्त कर ले रही है. बेरोजगार लोग ऋण लेकर एवं ट्रैक्टर चला कर किसी तरह गुजर-बसर करने की कोशिश में हैं. पर उनका ट्रैक्टर पकड़ कर थाने में सड़ा दिया जा रहा है. गढ़वा जिले के लोगों ने इतने महंगे दर पर कभी बालू नहीं खरीदा था. इस वजह से पीएम आवास के निर्माण की लागत यहां दोगुनी हो गयी है. इसी तरह से हिंदी व मगही भाषा के साथ भी झारखंड सरकार ने भेदभाव करने का काम किया है. प्रतियोगी परीक्षा से इसे बाहर करने के बाद जब वे इसका विरोध करते हैं और इसमें सुधार की बात करते हैं, तो झामुमो अपने एक-दो वेतनभोगी लोगों को आगे कर मुद्दा बदलने का काम करती है.
संबंधित खबर
और खबरें