लोहरदगा, संजय कुमार:
बदलते समय के साथ लोगों के सोच में भी बदलाव आने लगा है. हर शख्स अपने जीवन को बेहतर बनाने के लिए नित्य नये प्रयोग कर रहे हैं. ऐसे में जिले के किसानों की सोच में भी बदलाव आया है. अब किसान परंपरागत खेती को छोड़ नयी तकनीकी के साथ खेती करने लगे हैं. लोहरदगा जिले के कई किसान फूलों की खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. गेंदा, गुलाब जैसे फूलों की व्यवसायिक खेती के बाद अब जरबेरा फूल की खेती के प्रति किसानों का आकर्षण बढ़ा है.
जरबेरा की व्यवसायिक खेती कर रहे जिले के आकाशी गांव निवासी प्रगतिशील किसान चंचल शाहदेव ने बताया कि जरबेरा की खेती के लिए जिला उद्यान विभाग द्वारा अनुदानित दर पर पॉली हाउस के साथ लगभग 2900 पौधे उपलब्ध कराया गया था. साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा बेहतर उत्पादन के लिए समय-समय पर उचित परामर्श भी दिया जाता है.
एक पॉली हाउस में लगभग 25 डिसमिल भूमि पर जरबेरा फुल की खेती की जा रही है. फिलहाल 10 हजार पौधा लगाया है. एक पौधे से लगभग 20 फूलों का डंठल तैयार होता है. शादी-विवाह के मौके पर बाजार में एक फूल 5 से 7 रुपये में बिकता है. वर्तमान समय में उत्पादित जरबेरा के फूलों को रांची के बाजारों में बेचा जा रहा है.
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