आज अनुमान अष्टमी मनाया जा रहा है. इस दिन हनुमान जी की पूजा से विशेष लाभ मिलता है. पौष मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हनुमान अष्टमी मनाया जाता है. इस साल ये पर्व 27 दिसंबर, सोमवार मनाया जा रहा है. आज के दिन हनुमान मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की जाती है. धर्म ग्रंथों, संतों के अनुसार ऐसा कहा गया है कि हनुमानजी को प्रसन्न करने का सबसे सरल उपाय हनुमान चालीसा का पाठ करना है. आगे पढ़ें हनुमान चालीसा पढ़ते समय किन खास बातों का ध्यान जरूर रखना चाहिए.
धार्मिक ग्रंथों के अनुसर यदि कोई व्यक्ति रोज हनुमान चालीसा का पाठ करता है, उसकी इच्छा शक्ति भी बहुत मजबूत हो जाती है. ज्योतिषाचार्यों के अनुसार वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ करने की विधि बहुत आसान है, लेकिन कुछ लोग सही जानकारी के अभाव में कुछ गलतियां भी कर करते हैं ऐसे में जानें हनुमान चालीस पाठ करने का सही तरीका क्या है.
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बैठने के लिए ऐसे आसान का उपयोग करें
ज्योतिष और धार्मिक विशेषज्ञों के अनुसार किसी भी मंत्र, स्तुति या स्त्रोत का पाठ करते समय आप किस तरह के आसन का उपयोग कर रहे हैं इस बात का खास रूप से ध्यान रखना चाहिए. गलत आसन का उपयोग अच्छा नहीं माना जाता है. हनुमान चालीसा का पाठ करते समय बैठने के लिए ऊनी या कुशा के आसन का ही उपयोग करना सही माना गया है.
इस अवस्था में हनुमान जी की पूजा करना गलत माना गया है
ज्यादातर लोगों ऐसा करते हैं कि सुबह नहाने के तुरंत बाद सिर्फ टॉवेल लपेटकर और भीगे शरीर से ही हनुमान चालीसा का पाठ करने बैठ जाते हैं या पूजा करने लगते हैं. यह तरीका बिल्कुल गलत है. सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद लाल धोती पहनकर हनुमानजी के चित्र या मूर्ति के सामने बैठकर नियमपूर्वक हनुमान चालीसा का पाठ करना सही माना गया है.
पूजा-जप के समय इधर-उधर न रखें ध्यान
हनुमान चालीसा का पाठ करते समय ध्यान सिर्फ ईश्वर भक्ति में ही लगा होना चाहिए. इधर-ऊधर की बातें सोचने से बचना चाहिए.
शुद्ध होना चाहिए प्रसाद
हनुमानजी को प्रसाद चढ़ाते समय बहुत विशेष सावधानी रखनी चाहिए. ज्योतिष के अनुसार हनुमानजी को घर में शुद्ध घी के बने चूरमें का भोग लगाना चाहिए. लेकिन यदि ऐसा करना संभव न हो तो फिर मौसमी फलों या गुड़-चने का भोग लगा सकते हैं.