Home Badi Khabar Hanuman Jayanti 2022: इस वजह से एक साल में ही दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानें

Hanuman Jayanti 2022: इस वजह से एक साल में ही दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानें

0
Hanuman Jayanti 2022: इस वजह से एक साल में ही दो बार मनाई जाती है हनुमान जयंती, जानें

Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जी का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर हुआ था. इसलिए हर साल चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती के रूप में मनाया जाता है. वहीं कुछ लोग हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को भी मानते हैं. आखिर क्यों हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है और कौन सी तिथि सही है यह जानना चाहते हैं तो आगे पढ़ें.

रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास में हुआ था

ज्योतिष विशेषज्ञों के अनुसार हनुमान जी के जन्म की एक तिथि को उनके जन्मोत्सव के रूप में तो दूसरी को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. बा​ल्मीकि रामायण के अनुसार हनुमान जी का जन्म कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मंगलवार के दिन स्वाति नक्षत्र और मेष लग्न में हुआ था. जबकि चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाने के पीछे एक अन्य मान्यता है. आगे पढ़ें…

चैत्र मास में हनुमान जयंती मनाने का रहस्य जानें

कहा जाता है कि हनुमान जी जन्म से ही असीम शक्ति के धनी थे. एक बार हनुमान जी को जोर की भूख लगी और उन्होंने सूर्य को फल समझ कर खाने की चेष्टा की. उसी दिन राहु भी सूर्य को अपना ग्रास बनाने के लिए आया था. राहु सूर्य को ग्रास बना ही रहा था, तभी हनुमान जी भी सूर्य को पकड़ने के लिए लपके और उनके हाथ ने राहु को स्पर्श किया. हनुमान जी के स्पर्श से ही राहु घबराकर भाग गया और इंद्र से शिकायत की कि आपने मुझे अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्र को ग्रास बनाकर क्षुदा शांत करने का साधन दिया था, लेकिन आज दूसरे राहु ने सूर्य का ग्रास कर लिया.

Also Read: Hanuman Jayanti 2022: हनुमान जी को अपनी राशि के अनुसार लगाएं भोग, जीवन में सफलता के लिए जरूर करें ये काम

राहु की बात सुनकर देवराज क्रोधित हो गए और उन्होंने बज्र से हनुमान जी की ठोड़ी पर प्रहार किया. इससे उनकी ठोड़ी टेढ़ी हो गई और वे अचेत होकर गिर पड़े. हनुमान जी पवन पुत्र हैं. अपने पुत्र का हाल देखकर पवनदेव भी क्रोधित हो गए और उन्होंने वायु का प्रवाह रोक दिया. इसके ​बाद जन जीवन पर संकट आ गया. तब सभी लोगों ने ब्रह्मा जी से सहायता मांगी. ब्रह्मा जी सबको लेकर वायुदेव के पास गए. वायुदेव अचेत अवस्था में आ चुके अपने पुत्र को गोद में लिए दुखी होकर बैठे थे. तब सभी देवी देवताओं ने हनुमान जी को दूसरा जीवन दिया और उन्हें अपनी शक्तियां दीं.

Also Read: Hanuman Jayanti 2022: शनि दोष से छुटकारा पाने के लिए हनुमान जयंती के दिन करें ये खास उपाय

इंद्र ने हनुमान जी के शरीर को वज्र के समान कठोर होने का आशीर्वाद दिया. जिस दिन हनुमान जी को दूसरा जीवन मिला, उस दिन चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि थी, इसलिए हर साल चैत्र पूर्णिमा को भी हनुमान जयंती के तौर पर मनाया जाता है. वज्र का प्रहार हनुमान जी की ठोढ़ी पर हुआ था, ठोढ़ी को हनु भी कहा जाता है. इसी कारण तब से पवन पुत्र को हनुमान के नाम से भी जाना जाने लगा.

ऐप पर पढें
होम आप का शहर
News Snap News Reel
Exit mobile version