हजारीबाग झील का पानी पीने लायक नहीं, जांच रिपोर्ट में खुलासा

कैल्सियम, मैगनिशियम, होटल हार्डनेंस में भी गिरावट पाया गया है. पानी के सुगंध की जांच में भी पाया गया है कि पानी में काफी बदबू है. जांच में पाया गया कि पानी में पीएच 8.04 से 8.12 है.

By Prabhat Khabar News Desk | April 16, 2023 2:17 AM
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हजारीबाग झील का पानी पीने लायक नहीं है. पेयजल स्वच्छता विभाग ने झील का पानी जांच के बाद यह खुलासा हुआ है. झील के पानी को 15 अप्रैल 2023 को जांच के लिए दिया गया था. पेयजल स्वच्छता विभाग ने जांच कर पानी का जो रिपोर्ट जारी किया है, उसके अनुसार पानी में टरभीटीटी बढ़ा हुआ है. टोटल एलकेलिनिटी कैल्सियम कारबोनेट लिमिट मात्रा से कम है.

कैल्सियम, मैगनिशियम, होटल हार्डनेंस में भी गिरावट पाया गया है. पानी के सुगंध की जांच में भी पाया गया है कि पानी में काफी बदबू है. जांच में पाया गया कि पानी में पीएच 8.04 से 8.12 है. टरभीटीटी 12 से 14 एनटीयू है. एल्कनिटी कैलिसियम कारबोनेट 129 से 145 मी ग्राम प्रति लीटर, कैल्सियम 37 से 45 मीमी ग्राम प्रति लीटर, मैगनिसियम 12.7 से 20.65 मिमी ग्राम प्रति लीटर, टोटा हार्डनेंस 164 से 178 मी ग्राम प्रति लीटर पाया गया.

जांच रिपोर्ट में झील के पानी की जांच कर सभी पारमीटर जारी कर दिया है. झील के दो स्थान से पानी का नमूना की जांच- शहर के सबसे साफ सुथरा झील के बोटिंग स्थान और आयुक्त आवास के सामने सीढ़ी के पास के पानी को जांच के लिए लिया गया था. दो अलग-अलग बोतलों में पानी जांच के लिए 15 अप्रैल 2023 को सुबह 11.30 बजे लिया गया. पेयजल स्वच्छता विभाग हजारीबाग कार्यालय प्रयोगशाला में पानी जांच के लिए दिया गया. शाम चार बजे रिपोर्ट जारी किया गया.

झील की सफाई के लिए व्यवस्था:

नगर निगम ने करोड़ों रुपये की लागत से बीट हार्वेस्टिंग मशीन झील सफाई के लिए लाया है. समय-समय पर झील के खर पतवार की सफाई इस कारोड़ों रुपये की मशीन से कराया जाता है. खर पतवार पूरी तरह से साफ है. नगर निगम द्वारा झील के चारों ओर कूड़ा करकट भी नियमित रूप से उठाये जाते हैं. आम लोगों द्वारा झील को गंदा नहीं किया जाये, इसके लिए बोर्ड लगाये गये हैं. शहर के कई सामाजिक संगठनों द्वारा भी झील की स्वच्छता के लिए जागरूकता व सफाई कार्य किये जाते हैं. इसके बावजूद झील का पानी प्रदूषित होना कई सवाल खड़ा कर रहा है.

दूषित पानी को ठीक करने की पहल होगी

नगर आयुक्त प्रेरणा दीक्षित ने कहा कि शहर का गंदा पानी सीधे झील में आती है. जिसकी वजह से झील का पानी गंदा हो गया है. झील में मछली मरने की सूचना मिली है. शीघ्र ही दूषित पानी को ठीक करने की पहल की जायेगी.

झील के पानी प्रदूषित, दिख रहा है प्रभाव

हजारीबाग झील में पिछले दिनों काफी संख्या में मछली मरकर पानी में छपल रहे थे. इसके बाद झील के पानी के प्रदूषित होने की चर्चा लोगों में होने लगी. वहीं झील के पानी का रंग बदलने व बदबूदार होने से सुबह शाम टहलनेवाले लोग भी परेशान हो रहे हैं.

क्या कारण है पानी प्रदूषित होने का

झील में आसपास के नाली का गंदा पानी तीन चार जगहों से प्रवेश कर रहा है. झील के नीचे बैठे गंदगी की सफाई नहीं होना, आसपास के लोगों द्वारा कूड़ा कचरा झील में फेंकना शामिल है.

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