इस Independence Day 2023 पर रांची शहर के इन जगहों की करें सैर, बढ़ जाएगा देशभक्ति का जज्बा

Independence Day 2023 Tour In Ranchi: आने वाले मंगलवार को देशभर में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा. हम इस 15 अगस्त, 2023 को 77वां स्वतंत्रता दिवस मनाएंगे. हम यहां आपको बताएंगे कि आप रांची शहर के किन जगहों कि इस दिन सैर कर सकते हैं.

By Shaurya Punj | August 11, 2023 9:22 AM
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15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के दिन कई लोग सैर सपाटे के लिए भी निकल पड़ते हैं, हम आज आपको बताने वाले हैं कि झारखंड की राजधानी रांची में ऐसी कौन सी जगह है जहां की सैर आप इस दिन कर सकते हैं, जिससे आपके मन में देशभक्ति की भावना बढ़ जाएगी.

 राँची शहर के पश्चिमी छोर पर मोरहाबादी में एक पहाड़ी है, जिसे आज टैगोर हिल के नाम से जाना जाता है. स्वतंत्रता दिवस पर इस जगह पर खासी भीड़ देखी जाती है, और इसका वास्ता रवींद्रनाथ टैगोर के बड़े भाई ज्योतिंद्रनाथ टैगोर का था.

 ज्योतिंद्रनाथ राँची 1908 में आए थे. कई जगह इस बात का उल्लेख है कि रवींद्रनाथ टैगोर ने यहाँ पर गीतांजलि के कुछ अंश रचे थे.


रांची में स्थित पहाड़ी मंदिर में सावन मास और शिवरात्रि के अलावा सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा नजर आता है. ये मंदिर स्वतंत्रता दिवस के लिए भी खास है, यहां पूजा के साथ-साथ देश भक्ति की झलक दिखती है. इस मंदिर को पहाड़ी मंदिर के अलावा लोग फांसी टुंगरी के नाम से भी जानते हैं.

पहाड़ पर स्थित भगवान शिव का यह मंदिर देश की आजादी के पहले अंग्रेजों के कब्जे में था. स्वतंत्रता मिलने के बाद सबसे पहले रात के 12 बजे इस पहाड़ी की चोटी पर भगवान शिव के पताका के साथ तिरंगा फहराया गया था. ये सिलसिला आज भी बदस्तूर जारी है. स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस पर इस पहाड़ी पर सबसे पहले तिरंगा झंडा फहराया जाता है.


राजधानी रांची के पुराना जेल परिसर स्थित भगवान बिरसा मुंडा संग्रहालय व स्मृति पार्क आम लोगों के लिए खोला गया है. जेल परिसर के बाहर भगवान बिरसा मुंडा की 25 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की गयी है.   मुख्य भवन के सामने गंगा नारायण सिंह, पोटो हो, भागीरथी मांझी, वीर बुधु भगत सहित अन्य की नौ-नौ फीट की प्रतिमा स्थापित की गयी है.  

30 एकड़ में से  जेल पार्क 25 एकड़ भूमि पर फैला हुआ है जबकि संग्रहालय 5 एकड़ में फैला हुआ है. पार्क का मुख्य आकर्षण संग्रहालय है. स्वतंत्रता दिवस पर आप इस पार्क में भी अच्छा समय बीता सकते हैं

रांची के कांटाटोली स्थित वार सिमेट्री. द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान मित्र राष्ट्रों (कॉमनवेल्थ कंट्रीज) की सेना की याद में यह समाधि स्थल बनाया गया है, जहां स्वीपर के साथ लेफ्टिनेंट कर्नल अपनी-अपनी समाधियों में चीरनिद्रा में हैं. यहां पायलट की बगल में गनर और डॉक्टर के साथ ड्राइवर की समाधि भी दिख जायेगी.

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