पाकुड़ की बांसलोई नदी में कोल माइंस का पानी छोड़े जाने के मामलें में पहुंची जांच टीम, किया मुआयना

पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड से होकर गुजरने वाली बांसलोई नदी में कोयले का काला पानी नदी में छोड़े जाने को लेकर जांच टीम अमड़ापाड़ा पहुंची. जांच टीम में शामिल कार्यपालक दंडाधिकारी कांति रश्मि और पीएचईडी विभाग के ज्यूनियर अभियंता दिनेश मंडल ने नदी का मुआयना किया.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 14, 2022 12:09 PM
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Pakur news: पाकुड़ जिले के अमड़ापाड़ा प्रखंड से होकर गुजरने वाली बांसलोई नदी में पचुवाड़ा सेंट्रल कोल ब्लॉक का पानी नदी में छोड़े जाने को लेकर जांच टीम जांच के लिए अमड़ापाड़ा पहुंची. जांच टीम में शामिल कार्यपालक दंडाधिकारी कांति रश्मि और पीएचईडी विभाग के ज्यूनियर अभियंता दिनेश मंडल ने नदी का मुआयना किया. उन्होंने नदी में पानी की स्थिति देखी, साथ ही साथ नदी के किनारे जमे हुए कोयले का भी अवलोकन किया. नदी की जांच के बाद जांच टीम के सदस्यों ने कोल माइंस का भी निरीक्षण किया.

बांसलोई नदी और कोल माइंस का किया निरीक्षण

कोल कंपनी के पदाधिकारियों ने जांच टीम के सदस्यों को माइंस से पानी निकालने की प्रक्रिया की जानकारी दी. इस संबंध में कार्यपालक दंडाधिकारी कांति रश्मि में बताया कि जांच टीम ने बांसलोई नदी और कोल माइंस का निरीक्षण किया है. सभी जांच प्रक्रियाओं को पूरा कर रिपोर्ट तैयार किया जाएगा. रिपोर्ट तैयार होने के बाद ही जांच परिणाम का पता चल पाएगा.

Also Read: कोल माइंस का पानी छोड़ने से पाकुड़ की बांसलोई नदी हुई काली, DC ने गठित की जांच टीम
डीसी ने जांच टीम का किया था गठन

बता दें कि रविवार की सुबह बांसलोई नदी में काला पानी बह रहा था. जिससे अमड़ापाड़ा बाजार के ग्रामीणों में काफी नाराजगी थी. इस खबर को प्रभात खबर में प्रमुखता से प्रकाशित किया गया था. जिसके बाद डीसी वरुण रंजन ने एसडीओ हरिवंश पंडित के नेतृत्व में एक जांच टीम का गठन किया है. जांच टीम में शामिल कार्यपालक दंडाधिकारी कांति रश्मि सहित अन्य ने मामलें को लेकर जांच की.

हालांकि कोल माइंस के पानी को नदी में छोड़ने को लेकर कोल कंपनी ने जिला प्रशासन की ओर से किसी तरह की अनुमति नहीं ली है. इस संबंध में कोल कंपनी डीबीएल के प्रोजेक्ट मैनेजर साब्यासाची मिश्रा ने बताया कि कोल कंपनी नदी में पानी छोड़ने से पहले पानी की जांच कराती है. उसके बाद ही नदी में पानी छोड़ा जाता है.

रिपोर्ट: रमेश भगत, पाकुड़

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