OTT पर क्या सेंसरशिप जरूरी है? सुनील शेट्टी बोले- आज की दुनिया में हर एक…

कुछ सालों में भारत में ओटीटी की दुनिया काफी बड़ी हो गई है. अब कई बड़े एक्टर्स इसमें एंट्री ले चुके है. लिस्ट में अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा, माधुरी दीक्षित, काजोल, शाहिद कपूर जैसे एक्टर्स का नाम शामिल है.

By Divya Keshri | July 1, 2023 6:12 PM
an image

बॉलीवुड एक्टर सुनील शेट्टी भले ही फिल्मों से दूर है, लेकिन सोशल मीडिया पर अक्सर एक्टिव रहते हैं. सुनील फिल्मों के स्क्रीनिंग, अवॉर्ड शो, रियलिटी शोज में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते रहते है. हालांकि एक्टर ने ओटीटी पर डेब्यू कर लिया है. ‘धारावी बैंक’ के बाद एक्टर वेब सीरीज हंटर में नजर आएंगे. इस बीच सुनील ने ओटीटी पर सेंसरशिप को लेकर बड़ी बात कह दी है.

सुनील शेट्टी बोले- आज की दुनिया में हर एक…

सुनील शेट्टी ने ओटीटी पर सेंसरशिप को लेकर कहा कि उन्हें नहीं लगता कि इसकी जरूरत है. सुनील ने कहा कि, “आज की दुनिया में हर एक चीज की थीन लाइन है. उदाहरण के लिए, यदि आप कबाड़ बेचने के क्षेत्र में सेंसरशिप न होने का फायदा उठा रहे हैं, तो यह उचित नहीं है. जब उम्र और कंटेंट की बात आती है तो प्रतिबंध बहुत अधिक होने चाहिए. ”

मैं ऐसा कंटेंट नहीं दिखाऊंगा…

सुनील शेट्टी ने आगे कहा, अगर ये एक्स्ट्रीम है और ये किसी व्यक्ति, धर्म या किसी चीज को नुकसान पहुंचा रहा है या पारिस्थितिकी तंत्र में गड़बड़ी पैदा कर रहा है, तो यह उचित नहीं है. आपको नैतिक रूप से जिम्मेदार होना होगा. मैं ऐसा कंटेंट नहीं दिखाऊंगा या उसका हिस्सा नहीं बनूंगा. ऐसा कहा जा रहा है कि, सेंसरशिप आज एक बहुत ही कठिन प्रक्रिया है. आप क्या सेंसर करते हैं? क्या नहीं? इसलिए, आपको नैतिक रूप से जिम्मेदार होना होगा.”

क्या ओटीटी पर सेंसरशिप जरूरी है?

कुछ सालों में भारत में ओटीटी की दुनिया काफी बड़ी हो गई है. अब कई बड़े एक्टर्स ने इसमें एंट्री ले चुके है. लिस्ट में अजय देवगन, सोनाक्षी सिन्हा, माधुरी दीक्षित, काजोल, शाहिद कपूर जैसे एक्टर्स का नाम शामिल है. जहां एक तरफ दर्शक अलग कंटेंट को पसन्द कर रहे है तो कुछ लोग इसमें गाली-गलौच, अश्लीलता और बिना रोक टोक के दिखाए जा रहे कंटेंट पर सवाल उठा रहे है. ऐसे में क्या ओटीटी पर सेंसरशिप जरूरी है?

सेंसरशिप क्या है?

फिल्मों को सिनेमाघरों में रिलीज होने से पहले सीबीएफसी यानी सेंसर बोर्ड फॉर फिल्म का सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. फिल्म में दिखाए गए कंटेंट के आधार पर सेंसर बोर्ड उसे सर्टिफिकेट देता है. जिसके बाद तय होता है कि मूवी किस वर्ग के दर्शक के लिए है. ऐसे में सेंसरशिप एक ऐसा जरिया है जो इस बात की जांच करता है कि पब्लिक डोमेन में क्या प्रसारित हो सकता है.

सेंसरशिप क्या काम करता है?

  • सेंसरशिप आपत्तिजनक सामग्री को सेंसर करने का काम करता है.

  • सेंसर बोर्ड चार सर्टिफिकेट जारी करता है, जिसमें ‘U’, ‘UA, ‘A’, और ‘S’ कैटगरी होती है.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version