छोटे गांव से अरबों की कंपनी तक का सफर
जय चौधरी का जन्म हिमाचल प्रदेश के ऊना जिले के पनोह गांव में हुआ था. यह गांव इतना पिछड़ा था कि यहां बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं भी मौजूद नहीं थीं. बावजूद इसके जय चौधरी ने पढ़ाई नहीं छोड़ी. वे रोजाना कई किलोमीटर पैदल चलकर स्कूल जाते थे. कठिनाइयों के बावजूद उनका जज्बा बरकरार रहा.
बीएचयू से की आईआईटी की पढ़ाई
स्कूली पढ़ाई के बाद जय चौधरी को आईआईटी-बीएचयू में दाखिला मिला, जहां से उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स इंजीनियरिंग में डिग्री हासिल की. इसके बाद 1980 में 22 साल की उम्र में वह अमेरिका पढ़ाई के लिए रवाना हुए. उन्होंने सिनसिनाटी विश्वविद्यालय से कंप्यूटर इंजीनियरिंग, इंडस्ट्रियल इंजीनियरिंग और मार्केटिंग में तीन मास्टर डिग्रियां हासिल कीं. इसके अलावा, उन्होंने हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से एग्जीक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम भी किया, जिससे उनकी लीडरशिप क्षमताएं और वैश्विक सोच मजबूत हुई.
सेक्योर आईटी से शुरू किया स्टार्टअप का सफर
पढ़ाई पूरी करने के बाद जय चौधरी अमेरिका में ही काम करने लगे, लेकिन उनका सपना खुद की कंपनी बनाना था. 1996 में उन्होंने और उनकी पत्नी ज्योति चौधरी ने नौकरी छोड़ दी और अपनी सेविंग्स लगाकर साइबर सिक्योरिटी फर्म सेक्योर आईटी की शुरुआत की. यह स्टार्टअप इतना सफल रहा कि जल्द ही इसका अधिग्रहण एक बड़ी टेक कंपनी ने कर लिया.
जस्केलर: साइबर सिक्योरिटी की ग्लोबल लीडर
अपने पहले अनुभव से उत्साहित होकर 2008 में जय चौधरी ने जस्केलर की स्थापना की. यह कंपनी आज 25 अरब डॉलर से अधिक की वैल्यू वाली साइबर सिक्योरिटी लीडर बन चुकी है. 2018 में जस्केलर पब्लिक कंपनी बनी और आज भी जय चौधरी और उनके परिवार की इसमें 40% हिस्सेदारी है. जस्केलर से पहले भी जय चौधरी ने सेक्योरिटी आईटी, साइफर ट्रस्ट, केयर हार्बर और एयर डिफेंस जैसी कंपनियां बनाई थीं, जिन्हें बाद में बड़ी कंपनियों ने अधिग्रहीत कर लिया.
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जय चौधरी के पास कितनी है संपत्ति
फोर्ब्स 2025 की रिपोर्ट के अनुसार, जय चौधरी की कुल संपत्ति 17.9 अरब डॉलर (लगभग 1.5 लाख करोड़ रुपये) है. इसके साथ ही, वे अमेरिका में रहने वाले सबसे अमीर अप्रवासी बन गए हैं. उनका यह सफर प्रेरणादायक है, जो बताता है कि सीमित संसाधनों से भी अपार सफलता हासिल की जा सकती है, अगर शिक्षा, मेहनत और दूरदर्शिता साथ हो.
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