साइबर फ्रॉड में मथुरा यूपी का जामताड़ा बना, कानपुर से आगे निकला झांसी,आईआईटी ने किया सर्वे…
ईआईटी कानपुर ने स्टार्टअप फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के तहत एक सर्वे किया है. इसके नतीजे बता रहे हैं कि साइबर फ्रॉड में कानपुर से आगे झांसी है. मथुरा देश में दूसरे स्थान पर है. यहां यूपी में सबसे अधिक साइबर फ्रॉड हो रहा है.
By Upcontributor | September 27, 2023 9:42 PM
कानपुर. आईआईटी कानपुर ने स्टार्टअप फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के तहत एक सर्वे किया है.जिसमें देशभर के साइबर फ्रॉड के मामलों को एनालिसिस कर रिपोर्ट तैयार की गई है.इसमें प्रदेशवार साइबर अपराध के बन रहे नए-नए हॉटस्पॉट को भी चिन्हित किया गया है.साइबर फ्रॉड में कानपुर से आगे झांसी है. वहीं, मथुरा देश में दूसरे स्थान पर है, जहां से साइबर फ्रॉड हो रहा है.
सरकारी आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश में मथुरा, झांसी, कानपुर के अलावा लखनऊ बुलंदशहर, गाजियाबाद, महाराजगंज, सीतापुर, जेवर व गौतम बुद्धनगर शामिल हैं. आईआईटी के स्टार्टअप फ्यूचर क्राइम रिसर्च फाउंडेशन के संस्थापक हर्षवर्धन सिंह ने बताया कि यह रिपोर्ट जनवरी 2020 से जून 2023 के बीच सरकारी आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है. इसमें साइबर फ्रॉड को अलग-अलग कैटेगरी में बांटा गया है. वहीं, जिन शहरों से अधिक फ्रॉड हो रहा है, उन्हें चिन्हित किया गया है.सबसे अधिक साइबर अपराध के नए हॉटस्पॉट उत्तर प्रदेश, दिल्ली, बिहार, पश्चिम बंगाल में बन रहे हैं. उन्होंने बताया कि यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भी सौंपी गई है, जिससे साइबर अपराध रोकने के लिए विशेष कार्ययोजना तैयार की जा सके.देशभर में भरतपुर पहले स्थान पर है. जबकि जामताड़ा पांचवें स्थान पर है.
सोशल मीडिया के माध्यम से साइबर फ्रॉड के शिकार बढ़ रहे हैं.इसमें सबसे अधिक मामले सेक्सटिंग व स्टॉकिंग के हैं.कुल 12.7 फीसदी मामले सोशल मीडिया के माध्यम से हो रहे हैं.2.38 फीसदी मामले फेक प्रोफाइल से और 2.37 फीसदी मामले प्रोफाइल हैकिंग के हैं.रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 77.41 फीसदी मामले ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के हैं. जिसमें अकेले 47.25 फीसदी मामलों में फ्रॉड यूपीआई से किया गया है. 11.27 फीसदी मामलों में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के साथ सिम स्वेप से फ्रॉड हुआ है.
77 फीसदी मामले आर्थिक ठगी के
रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक 77.41 फीसदी मामले ऑनलाइन फाइनेंशियल फ्रॉड के हैं. जिसमें अकेले 47.25 फीसदी मामलों में फ्रॉड यूपीआई से किया गया है. 11.27 फीसदी मामलों में डेबिट कार्ड या क्रेडिट कार्ड के साथ सिम स्वेप से फ्रॉड हुआ है.