Jharkhand Foundation Day: बिरहोर जनजाति की पाठशाला हो रही तैयार, वॉल पेंटिंग बनी सीखने और सिखाने का जरिया
झारखंड से विलुप्त हो रही बिरहोर जनजाति के बच्चों को पढ़ाने का अनूठा प्रयास शुरू हो गया है. बिरहोरी भाषा में इन बच्चों को वॉल पेंटिंग के सहारे पढ़ाने की कोशिश होगी. इसकी तैयारी पूरी हो गयी. रामगढ़ के दोहाकातू गांव के घरों की दीवारों पर ऐसे वाॅल पेंटिंग देखी जा सकती है.
By Samir Ranjan | November 14, 2022 7:53 PM
Jharkhand Foundation Day: आज पूरा देश आजादी के अमृत महोत्सव पर जनजातीय गौरव दिवस (Janjatiya Gaurav Divas) मनाने में जुटा है. वहीं, रामगढ़ जिला के दोहाकातु गांव में विलुप्त प्राय: आदिम जनजाति बिरहोर की अपनी पाठशाला सज-धजकर तैयार हो रही है. PVTG पाठशाला के माध्यम से बिरहोर समुदाय की विलुप्त हो रही भाषा को संरक्षित करने का अनूठा कार्यक्रम करम फाउंडेशन, रांची द्वारा चलाया जा रहा है. करम फाउंडेशन का उद्देश्य झारखंड की विशिष्ट कला- संस्कृति को समृद्ध बनाना, ग्रामीणों को सामाजिक, आर्थिक, शैक्षणिक एवं सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाना है. PVTG पाठशाला के सफल संचालन में करम फाउंडेशन संस्था के अरुण कुमार महतो, पप्पू टोप्पो, राजीव प्रजापति, राजेश कुमार, जलेश्वर महतो की महत्वपूर्ण भूमिका है.
बिरहोर-हिंदी-अंग्रेजी शब्दकोश द्वारा संकलित वॉल पेंटिंग
यह वॉल पेंटिंग देश-विदेश में चर्चित लेखक देव कुमार द्वारा रचित बिरहोर-हिंदी-अंग्रेजी डिक्शनरी द्वारा संकलित किया जा रहा है. लेखक सह करम फाउंडेशन, रांची के सचिव ने बताया कि PVTG पाठशाला खोलने का उद्देश्य समाज के बच्चों को सुंदर चित्रों के माध्यम से नि:शुल्क खेल-खेल में बिरहोरी भाषा का ज्ञान देना एवं उनकी संस्कृति को बचाना है. सामान्य बोल-चाल की भाषा में प्रयुक्त होने वाली शब्दों की चित्रमय प्रस्तुति के साथ हिंदी एवं अंग्रेजी भाषा में ट्रांसलेट भी किया गया है. नई पीढ़ी को बिरहोरी भाषा की जानकारी नहीं है तथा यह भाषा तेजी से लुप्त होती जा रही है. यूनेस्को द्वारा भी बिरहोरी भाषा को गंभीर खतरे की भाषा में शामिल किया गया है. वॉल पेंटिंग के माध्यम से बिरहोरी भाषा का संरक्षण आसानी से किया जा सकता है.