माघ पूर्णिमा के पावन अवसर पर राजमहल में उत्तरवाहिनी गंगा में आदिवासी समुदाय के लोग आस्था की डुबकी लगाने पारंपरिक तरीके से जा रहे हैं. भारी संख्या में भक्त सिर पर कलश और हाथ जोड़कर मन में कामना करते हुए जा रहे हैं.
माघ पूर्णिमा पर राजमहल के गंगा तट में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. यहां के लोगों ने गंगा में आस्था की डुबकी लगाकर कर पूजा की. बता दें कि माघ पूर्णिमा को माघी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है. ये माघ महीने का अंतिम और सबसे महत्वपूर्ण दिन होता है. धार्मिक परंपरा का पालन करने वाले लोग माघ पूर्णिमा पर गंगा, यमुना और सरस्वती नदी के संगम प्रयागराज में पवित्र स्नान, गाय और गृहगृ दान जैसे कुछ अनुष्ठान संपन्न करते हैं.
साहिबगंज स्तिथ मुक्तेश्वरध बिजली सीढ़ी गंगा घाट में माघ पूर्णिमा में गंगा स्नान करने भक्तों की उमड़ पड़ी. जिसके बाद सूर्यमंत्र का जाप करके सूर्यदेव को अर्घ्य दिया. कहा जाता है कि माघ पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान करके पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और घी का दीपक जलाने से घर में सुख समृद्धि होती है.
मुक्तेश्वरधाम गंगा घाट में भी भक्तों की भीड़ देखने को मिली. भारी संख्या में लोग यहां पहुंचकर पूजा-अर्चना की. माघ पूर्णिमा में धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन पवित्र स्नान, ध्यान, दान करने को महत्वपूर्ण माना गया है.
ज्योतिष मान्यता है कि माघ पूर्णिमा पर पवित्र स्नान करने से सूर्य और चंद्रमा से जुड़े सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. इस महीने के हर एक दिन को दान-पुण्य के लिए विशेष महत्वपूर्ण माना गया है.
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