दहकते शोलों पर नंगे पांव चल कर अपने आराध्य के प्रति श्रद्धालु दिखाते हैं श्रद्धा, जानें क्या है मान्यता
सरायकेला के ऊकरी गांव में दशहरा के दूसरे दिन श्रद्धालु नंगे पांव दहकते अंगारे पर चल कर अपने आरध्य के प्रति भक्तिभाव दिखाते हैं. इस दौरान महिला-पुरुष नंगे पांव दहकते शोले को पार करते हैं. पिछले कई वर्षों से चली आ रही यह परंपरा आज भी जारी है.
By Prabhat Khabar Digital Desk | October 16, 2021 5:54 PM
Jharkhand News (प्रताप मिश्रा, सरायकेला) : अपने आराध्य को खुश करने के लिए भक्त कितने भी कष्ठ सहते हैं. कांटों भरा सेज में सोने से लेकर दहकते शोलों में भी नंगे पांव चल कर अपनी आराध्य के प्रति भक्ति दिखाते हैं. इस दौरान उन्हें लाख कष्ठ सहने पडे, लेकिन उफ तक नहीं करते हैं.
सरायकेला जिला अंतर्गत ऊकरी गांव में दशहरे के दूसरे दिन शनिवार (16 अक्टूबर, 2021) को मां दुर्गा के भक्तों ने जलते अंगारों पर नंगे पांव चलकर अपनी भक्ति दिखायी. नवरात्र के दशमी के दूसरे दिन गांव में यह परंपरा कई वर्षों से चलती आ रही है, जो आज तक जारी है.
माता की पूजा के लिए महिलाएं कलश यात्रा निकालती है. स्थानीय सोना नदी से कलश यात्रा निकाली जाती है. नदी से कलश लाने के बाद पूजा स्थल पर स्थापित किया जाता है. फिर शुरू होती है पूजा-अर्चना. इसके बाद भोक्ता बने श्रद्धालुओं ने दहकते शोलों पर नंगे पांव चल कर अपने आराध्य के प्रति भक्ति दर्शायी. कोरोना संकट के कारण इस साल भी सरकारी गाइडलाइन का पालन करते हुए पूजा अर्चना किया गया.