
सन् 1857 की क्रांति से पहले झारखंड के संताल परगना में आदिवासी वीरों ने अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह का झंडा बुलंद कर दिया था. अंग्रेजों के खिलाफ क्रांति करने वाले वीरों का नाम था- सिदो-कान्हू. सिदो-कान्हू ने 400 गांवों के 50 हजार से अधिक लोगों को एकजुट किया और अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन छेड़ दिया. सिदो-कान्हू के इस विद्रोह को हूल क्रांति के नाम से जाना जाता है. भोगनाडीह के वीर आदिवासी नायकों सिदो-कान्हू, चांद-भैरव और फूलो-झानो ने तीर-धनुष और अन्य पारंपरिक हथियारों से ही अंग्रेजी सेना की बंदूकों का मुकाबला किया था और उनके दांत खट्टे कर दिये थे. ऐसे नायकों को झारखंड के लोग कितना जानते हैं. इस वीडियो में देखिए.