Jharkhand Tourism: गिरिडीह के जमुनिया नदी की खूबसूरती देखिए, एक छोर पर गर्म और दूसरे पर मिलता ठंडा पानी

नये साल में घूमने का मन बना रहे हैं, तो पहाड़ों की वादियां गिरिडीह आइए. यहां नदियों, पहाड़ों और जंगलों का मनमोहन दृश्य आपका मनमोह लेगा. ऐसा ही एक स्थल है जमुनिया का गर्म कुंड. यह कुंड भी लोगों को खूब भाता है. वहीं, बगोदर के लपसियाटांड़ को रामनाथ बाबा ने बना दिया तपोवन.

By Samir Ranjan | December 19, 2022 7:04 PM
feature

Jharkhand Tourism: गिरिडीह जिला अंतर्गत बगोदर के लपसियाटांड़ में मंदिरों और कुंडों को देखकर लगता है कि कुदरत ने इस जगह का चुनाव धर्मस्थल के लिए किया है. यहां अपने मनोरथों की सिद्धि के लिए लोग देवी-देवताओं के दरबार में हाजिरी लगाते हैं, तो दूसरी ओर वर्षांत में साल की विदाई और नववर्ष के स्वागत में इन नदियों, पहाड़ों, जंगलों के बीच आसपास के लोग सपरिवार आकर मौज-मस्ती भी करते हैं.

जमुनिया नदी के गर्म कुंड में स्नान करते हैं लोग

जमुनिया नदी का गर्म कुंड लोगों को खूब आकर्षित करता है. उत्तरवाहिनी जमुनिया नदी के एक छोर पर गर्म पानी है, जहां पर बगोदर और विष्णुगढ़ क्षेत्र के गांवों के लोग नियमित स्नान करते हैं. नदी के दूसरे छोर पर शीतल जल प्रवाहित होता है. श्रीश्री योगी रामदास बाबा के निधन के बाद उनके शिष्य केदार बाबा ने मंदिर को और नदी-नालों को साफ-सफाई के साथ पर्यटन स्थल के रूप में विकसित कर रखा है. पूरे क्षेत्र के लोग इसकी चर्चा करते हैं. पांच एकड़ के भू-भाग में आम, जामुन, सखुवा, औरा, बैर, अमरूद, शीशम और अन्य पेड़-पौधा इस स्थल को आकर्षक रूप प्रदान करते हैं.

जंगली क्षेत्रों से गुजरती है खेड़ुआ नदी

मुख्यालय से छह किमी दूर जंगली क्षेत्रों से गुजरती खेड़ुआ नदी क्षेत्र के किसानों के लिए अन्नदाता है. इस नदी में स्नान कर नये साल का आनंद उठाते हैं. इस नदी की खासियत है कि बरसात के मौसम में जब नदी उफान पर रहती है तो भी मंजिलाडीह, जमुवारी, अडवारा, चोलाबार, बैलाग्य, परसिया, लुटियानो, मुंड्रो, अखेना, टुकटुकको व सैकड़ों गांवों के लोग इधर से गुजरते थे.

बाबा का लगन और लोगों की श्रद्धा

वर्ष 1964 में श्रीश्री जोगी रामनाथ बाबा लपसियाटांड़ पहुंचे और सुनसान स्थान के पांच एकड़ भू-भाग में जंगलों से भरे स्थल की रखवाली करने लगे. शुरुआती दौर में बाबा को काफी परेशानी हुई, पर बगोदर और विष्णुगढ़ प्रखंड के सैकड़ों गांवों के लोग बाबा के संपर्क में आये.

सुनसान स्थल पर बन गये पांच मंदिर

बगोदर प्रखंड मुख्यालय से सात किलोमीटर दूरी पर लपसियाटांड़ स्थित है तपोवन. श्रीश्री जोगी रामनाथ बाबा की धार्मिक निष्ठा और आध्यात्मिक ओज का फल है कि उनका ठिकाना एक-एक कर मंदिरों से भरता गया. देखते-देखते वहां पर पांच मंदिर बन गये. पहला मंदिर मां सरस्वती का, दूसरा मंदिर बाबा भोलेनाथ का और तीसरा मंदिर बजरंगबली का है. चौथा मंदिर संस्थापक और स्थल को चर्चित करने वाले श्रीश्री योगी रामदास बाबा का और पांचवां मंदिर भगवान विष्णु का है.

हरिहरधाम : 65 फीट की ऊंचाई पर शिव मंदिर 

बगोदर बाजार से एक किमी दूर हरिहर धाम मंदिर है. 65 फीट की ऊंचाई का अनोखा शिव मंदिर बगोदर ही नहीं, झारखंड, बिहार, बंगाल और ओड़िशा के लोग यहां शादी-विवाह के लिए आने के साथ पिकनिक मनाने भी आते हैं. मंदिर के संस्थापक पंडित अमरनाथ मुखोपाध्याय चार दशक पूर्व बगोदर आये और एक सुसज्जित मंदिर का निर्माण कराया.

श्मशान के तट पर भोलेशंकर का मंदिर

उत्तरवाहिनी जमुनिया नदी श्मशान घाट के तट पर एक भोले शंकर का मंदिर बना. चार दशक में यहां कई हजार जोड़े परिणय सूत्र में बंधे हैं. बगोदर-सरिया रोड में एक हथिया पत्थर है. इसके समीप भोलेनाथ का एक मंदिर है. हाथी की शक्ल में होने के कारण लोगों ने पत्थर को यह नाम दिया है.

मंदिरों का गांव करम्बा

बगोदर थाना क्षेत्र से नौ किमी दूरी करम्बा गांव में लोगों ने कई देवताओं का मंदिर बनाया है. यहां बह रहे छोटे से नाले की खासियत यह है कि ठंडे मौसम में गर्म पानी और गर्मी के मौसम में ठंडे पानी का प्रवाह होता है. यह कोई कुंड नहीं है, पर बाहर से लोगों का यहां आना-जाना लगा रहता है.

खटिया पहाड़ की चोटी पर बजरंग बली मंदिर

बगोदर थाना क्षेत्र से 11 किलोमीटर दूर स्थित खटिया पहाड़ है. कहा जाता है कि इस पहाड़ की चोटी पर एक जमाने में बांसुरी बाबा आये थे. कहते हैं कि उनके बांसुरी वादन से मोहित होकर आसपास के लोगों का आवागमन होने लगा. धीरे-धीरे एकत्र होते लोगों ने चोटी पर बजरंग बली का मंदिर बना दिया. आज इसे लोग एक पर्यटक स्थल के रूप में जानते हैं.

रिपोर्ट : रामानंद सिंह, बगोदर, गिरिडीह.

संबंधित खबर
संबंधित खबर और खबरें
होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version