Galwan Valley, LAC, Ladakh: चीन के सैनिकों को सबक सिखाते हुए सीमा पर शहीद हुआ बहरागोड़ा का गणेश हांसदा

jharkhand youth martyred at galvan valley in ladakh घाटशिला : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा प्रखंड का एक जवान भी लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया. जवान का नाम गणेश हांसदा है. वह बहरागोड़ा प्रखंड के चिंगड़ा पंचायत स्थित कषाफलिया गांव का रहने वाला था. जवान की शहादत से उसके गांव में मातम पसर गया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 17, 2020 2:54 PM
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घाटशिला : झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिला के बहरागोड़ा प्रखंड का एक जवान भी लद्दाख के गलवन घाटी में चीनी सैनिकों के साथ मुठभेड़ में शहीद हो गया. जवान का नाम गणेश हांसदा है. वह बहरागोड़ा प्रखंड के चिंगड़ा पंचायत स्थित कषाफलिया गांव का रहने वाला था. जवान की शहादत से उसके गांव में मातम पसर गया है.

गणेश हांसदा (21) वर्ष 2018 में इंडियन आर्मी में शामिल हुआ था. ट्रेनिंग पूरी होने के बाद सितंबर, 2019 में उसकी पोस्टिंग लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर हुई थी. इस घटना की जानकारी मिलने के बाद पूरे गांव में मातम का माहौल है. पिता सुबदा हांसदा, कापरा हांसदा, बड़े भाई गणेश हांसदा तथा भाभी सोनारी हांसदा का रो-रोकर बुरा हाल है.

बुधवार को पूरे गांव के लोग तथा गणेश के दोस्त दिन भर परिजनों को सांत्वना देने के लिए उनके घर पहुंचते रहे. घटना की सूचना पाकर सांसद विद्युत वरण महतो, विधायक समीर महंती, घाटशिला के अनुमंडल पदाधिकारी अमर कुमार, एसडीपीओ राजकुमार मेहता, बीडीओ राजेश कुमार साहू, सीओ हीरा कुमार, थाना प्रभारी चंद्रशेखर कुमार व अन्य कषाफलिया गांव पहुंचे.

सभी ने परिजनों को सांत्वना दी और कहा कि दुख की इस घड़ी में सभी उनके साथ खड़े रहेंगे. सांसद विद्युत वरण महतो ने शोक संतप्त परिवार को निजी तौर पर 1 लाख रुपये की सहायता देने की घोषणा की. श्री महतो ने कहा कि गणेश हांसदा की शहादत से घाटशिला अनुमंडल या पूर्वी सिंहभूम जिला ही नहीं, पूरा झारखंड गौरवान्वित हुआ है.

उल्लेखनीय है कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास भारत-चीन बॉर्डर पर 15-16 जून, 2020 की रात को चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सैनिकों की मुठभेड़ हो गयी थी. इस मुठभेड़ में भारत के कम से कम 20 जवान शहीद हो गये. इसमें झारखंड के 2 जवान शामिल थे. गणेश के अलावा साहिबगंज के कुंदन ओझा भी इस झड़प में शहीद हो गये.

गणेश की बचपन से ही सेना में जाने की तमन्ना थी. बचपन से वह पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद में भी अच्छा था. वर्ष 2015 में मैट्रिक की परीक्षा करने के बाद जमशेदपुर एलबीएसएम कॉलेज करनडीह में इंटर में दाखिला लिया. उसने विज्ञान विषय से पढ़ाई की. इसी दौरान सेना में जाने की चाह में उसने एनसीसी भी ज्वाइन कर ली. वर्ष 2018 में मोराबादी में चल रही सेना कि सीधी बहाली में शामिल हुआ पहले ही प्रयास में सफल हो गया.

Posted By : Mithilesh Jha

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