अभिभावकों ने भी की थी शिकायत
इस मामले को लेकर इससे पहले भी छात्र-छात्राओं ने शिकायत की थी .यहां तक कि छात्र -छात्राओं के अभिभावकों ने भी शिकायत की थी .विद्यालय के शिक्षक काफी देरी से विद्यालय में आते हैं. ऐसे में बच्चों का पढ़ाई काफी नुकसान हो रहा है .मामले को लेकर दुर्गापुर के एसडीएम को पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि उक्त मामले को लेकर वे जांच करेंगे. दोषी पाए जाने पर उक्त शिक्षकों के खिलाफ उपयुक्त कार्रवाई की जाएगी. बताया जाता है कि केवल इतना ही नहीं विद्यालय की भवन की अवस्था भी बेहद जर्जर है . विद्यालय परिसर में भी जंगल और झाड़ियों के उग जाने से सांप और अन्य विषैले जीव जंतुओं का भय भी बना रहता है .
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शिक्षक का कहना है कि हर रोज आते है समय पर
हालांकि विद्यालय के शिक्षक अप्रेश मंडल ने कहा कि कभी कभार उन्हें आने में देर हो जाती है वरना वह प्रतिदिन ही विद्यालय समय पर आते हैं. क्योंकि काफी दूर से आना पड़ता है और बाजार वगैरह करके आने में ही कभी कभार देरी हो जाती है .अन्यथा विद्यालय प्रतिदिन समय से ही चलता है. अभिभावकों और ग्रामीणों का कहना है की जंगलमहल क्षेत्र के आदिवासी समुदाय के बच्चे जहां शिक्षा की रोशनी से रोशन होना चाहते हैं, वहीं पढ़े-लिखे लोग उन्हें शिक्षा की उस रोशनी से वंचित कर रहे हैं. ऐसे में अगर शिक्षक ही प्रतिदिन देरी से स्कूल आएंगे तो छात्रों का भविष्य क्या होगा.
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सरकारी स्कूल में उचित शिक्षा का अभाव
राज्य की मुख्यमंत्री हमेशा आदिवासी समुदाय के लोगों को विभिन्न सुविधाएं मुहैया कराती रही हैं. प्रदेश की मुख्यमंत्री खासकर शिक्षा के क्षेत्र में कई कदम उठाते नजर आ रही हैं. वहीं दूसरी तरफ देखा जा रहा है कि सरकारी स्कूल में पढ़ाने की नौकरी पाने वाले सभी शिक्षक अपना निष्पक्ष काम ठीक से नहीं कर रहे हैं. तो सरकार क्या कदम उठाती है ? अब देखना यह है कि इन शिक्षकों को लेकर स्थानीय प्रशासन क्या कदम उठाती है.
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