कानपुर देहात अग्निकांड मामला: SDM और लेखपाल निलंबित, सपा MLA अमिताभ बाजपेई घर में किए गए नजरबंद

Kanpur Dehat: कानपुर देहात में मां-बेटी के जिंदा जलने के मामले में अब योगी सरकार एक्‍शन मोड में है. पूरे मामले में जेसीबी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को सस्‍पेंड कर दिया गया है.

By Prabhat Khabar News Desk | February 14, 2023 2:53 PM
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Kanpur Dehat: कानपुर देहात में अतिक्रमण के नाम पर घर गिराने की कार्रवाई के दौरान खुद को कमरे में बंंद करने वाली मां-बेटी के जिंदा जल जाने के मामले में अब योगी सरकार एक्‍शन मोड में है. पूरे मामले में जेसीबी के ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया गया है. साथ ही एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद और लेखपाल अशोक सिंह को सस्‍पेंड कर दिया गया है. कुल 24 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. इसके साथ ही रूरा थाना प्रभारी को भी हटा दिया गया है. जबकि घटना स्थल पर जाने की तैयारी कर रहे सपा विधायक को घर में नजरबंद कर दिया गया है.

कानपुर देहात में हुए अग्निकांड को लेकर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई को नजरबंद कर दिया गया है. बाजपेई कानपुर देहात स्थित घटनास्थल पर जाने की तैयारी कर रहे थे. वहीं पूरे मामले में समाजवादी पार्टी ने सरकार पर जोरदार हमला बोला है. पार्टी की ओर से किए गए ट्वीट में कहा गया है कि निर्दोषों की हत्या कर रहे अत्याचारी, बुलडोजर सरकार के अधिकारी.

कानपुर देहात के मड़ौली गांव में बुलडोजर कार्रवाई के चलते लगी आग में मां-बेटी की जलकर मौत हो गई. अफसर मौके से फरार हो गए. यह शर्मनाक है. आरोपी डीएम, एसडीएम और लेखपाल पर धारा 302 के तहत मुकदमा दर्ज हो. मृतकों के परिजनों को सरकार मुआवजा दे. बता दें सपा का प्रतिनिधिमंडल प्रभावित परिवार से मिलने के लिए मड़ौली रवाना हो गया है.

सोमवार को रूरा थाना क्षेत्र के मैथा तहसील के मड़ौली गांव में अतिक्रमण हटाने के दौरान झोपड़ी में आग लग गई थी. पीड़ित का आरोप है कि जेसीबी से जलते हुए छप्पर गिराने के दौरान मां-बेटी दब गईं. जिसमें जलकर उनकी दर्दनाक मौत हो गई. वहीं घटना को लेकर गांव में तनाव व्‍याप्‍त है. उधर दूसरा पक्ष गांव से फरार हो गया. मृतक के परिजनों और ग्रामीणों ने पांच करोड़ मुआवजे, सरकारी नौकरी और जमीन के पट्टे की मांग को लेकर शव को उठाने नहीं दिया. मौके पर मंडलायुक्त डॉ. राजशेखर और एडीजी मौके पर मौजूद हैं.अफसर लगातार कार्रवाई को लेकर ग्रामीणों और परिजनों को समझा रहे हैं. लेकिन परिजन सीएम और डिप्टी सीएम को मौके पर बुलाने और आरोपितों की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.

दरअसल मैथा तहसील के मड़ौली गांव में कृष्णगोपाल दीक्षित परिवार में पत्नी प्रमिला 50, बेटी नेहा 20, बेटे शिवम, अंश व बहू शालिनी के साथ रहते हैं. गांव के बाहर उन्होंने खाली भूमि पर पशुबाड़ा और झोपड़ी बना रखी थी, वहीं पास में एक चबूतरे पर शिवलिंग भी स्थापित किया था. इस भूमि को सरकारी बताते हुए गांव के एक व्यक्ति ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसके बाद बीती 13 जनवरी को प्रशासन ने भूमि को ग्राम समाज का बताते हुए कब्जा हटाने का प्रयास किया था.

प्रशासन ने उनको कब्जा हटाने के लिए कुछ दिन की मोहलत दी थी. जिसके बाद उसी दिन शाम को पीड़ित कृष्णगोपाल अपने परिवार के साथ माती मुख्यालय पहुंच गए और धरने पर बैठे गए. जिस पर एसडीएम और एडीएम ने उनको धमकाकर भगा दिया. अगले दिन 14 जनवरी को बलवा और धारा 144 के उल्लंघन का मुकदमा दर्ज कराया था. साथ ही 16 जनवरी को राजस्व विभाग की ओर से सरकारी जमीन कब्जे का भी केस दर्ज किया गया था. मुकदमा दर्ज होने के बाद सोमवार को कब्जा हटाने के लिए राजस्व विभाग की टीम गई हुई थी. इस दौरान पीड़ित के घर मे आग लग गई. जिसमें मां और बेटी की जलकर मौत हो गई.

रिपोर्ट: आयुष तिवारी

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