जन्माष्टमी पर बन रहे वृद्धि और ध्रुव योग (Krishna Janmashtami 2022 Shubh yoga)
इस साल यानी जन्माष्टमी 2022 पर वृद्धि और ध्रुव नामक दो शुभ योग बन रहे हैं. इन शुभ योग के कारण इस दिन का महत्व भी बढ़ गया है. ऐसी मान्यता है कि वृद्धि योग में बाल गोपाल की पूजा करने से सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है. जानें वृद्धि योग और ध्रुव योग का समय-
वृद्धि योग प्रारंभ : 17 अगस्त 2022 रात 08.56 से
वृद्धि योग समाप्त: 18 अगस्त रात 08.41 बजे तक
ध्रुव योग प्रारंभ: 18 अगस्त 2022 रात 08.41 से
ध्रुव योग समाप्त : 19 अगस्त रात 08.59 पर तक
जन्माष्टमी पूजा शुभ मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2022 Shubh Muhurat)
जन्माष्टमी 2022 कृष्ण पूजा मुहूर्त (Krishna Janmashtami 2022 Muhurat)
श्रीकृष्ण पूजा का शुभ मुहूर्त-18 अगस्त रात्रि 12:20 से 01:05 तक रहेगा
पूजा अवधि- 45 मिनट
व्रत पारण समय- 19 अगस्त, रात्रि 10 बजकर 59 मिनट के बाद
जन्माष्टमी पूजा सामग्री (Janmashtami Puja Samagri)
खीरा, दही, शहद, दूध, एक चौकी, पीला साफ कपड़ा, पंचामृत, बाल कृष्ण की मूर्ति, सांहासन, गंगाजल, दीपक, घी, बाती, धूपबत्ती, गोकुलाष्ट चंदन, अक्षत, माखन, मिश्री, भोग सामग्री, तुलसी का पत्ता सामग्री लिस्ट में शामिल है.
जन्माष्टमी पूजा विधि (Janmashtami Puja Vidhi)
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सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
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घर के मंदिर में साफ- सफाई करें.
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घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें.
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सभी देवी- देवताओं का जलाभिषेक करें.
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इस दिन भगवान श्री कृष्ण के बाल रूप यानी लड्डू गोपाल की पूजा करें.
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लड्डू गोपाल को झूला झूलाएं.
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रात्रि में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा- अर्चना करें.
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लड्डू गोपाल को मिश्री, मेवा का भोग भी लगाएं.
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लड्डू गोपाल की आरती करें.
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इस दिन अधिक से अधिक लड्डू गोपाल का ध्यान रखें.
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जन्माष्टमी के दिन न करें ये काम
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कृष्ण जन्माष्टमी के दिन किसी का अपमान न करें.
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मन में बुरा विचार न आने दें.
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जन्माष्टमी के दिन काले रंग के कपड़े न पहनें.
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बाल गोपाल को भोग लगाएं तो उसमें तुलसी जरूर हो.
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व्रत कर रहे तो रात 12 बजे तक अन्न का सेवन न करें.
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जन्माष्टमी के दिन गाय की पूजा और सेवा करना शुभ माना जाता है.